ABC News: कानपुर में जिला जज के स्थानांतरण की मांग को लेकर आंदोलित अधिवक्ताओं की मांग मान ली गई है. जिला जज संदीप जैन को ज्यूडिशल ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है. उन्हें तत्काल प्रभाव से वहां पहुंचने के आदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने दिए हैं.
जिला जज के स्थानांतरण को लेकर अधिवक्ता 15 मार्च से आंदोलित हैं. शुरुआत में सिर्फ जिला जज की अदालत का बहिष्कार वकीलों ने किया था, लेकिन मांग न माने जाने पर 25 मार्च से सभी अदालतों का न्यायिक और प्रशासनिक कामकाज ठप करा दिया गया था. आंदोलन लगातार तेज हो रहा था. हाईकोर्ट ने आंदोलनकारी बार व लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व महामंत्री समेत छह लोगों के खिलाफ अवमानना वाद भी दर्ज करने के आदेश कर दिए थे. इसके बाद 12-13 अप्रैल को दो दिवसीय प्रादेशिक सम्मेलन कानपुर में बुलाया गया. इसमें 67 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और एक स्वर में आंदोलन को आगे बढ़ाने और साथ देने की बात की थी. मामला बढ़ता देख हाईकोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पं. रविंद्र शर्मा व बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनूप शुक्ला ने मामले में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि शुक्रवार देर शाम जस्टिस डीके उपाध्याय व प्रशासनिक न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा से वार्ता हुई थी. इसमें बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी, महामंत्री अनुराग श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष अनूप शुक्ला समेत अन्य पदाधिकारी भी शामिल हुए थे. यह बैठक सकारात्मक हुई थी, जिसमें संदेश मिल गया था. शनिवार सुबह अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार जारी रखा. न्यायालय भवन के बाहर सुंदरकांड का पाठ हुआ. दोपहर बाद जिला जज के स्थानांतरण का पत्र जारी कर दिया गया. इसके बाद अधिवक्ताओं ने आम सभा बुलाई. इसमें मांगे मान लिए जाने के बाद न्यायिक बहिष्कार का फैसला वापस ले लिया गया. सोमवार से विधिवत सभी अदालतों में कामकाज शुरू हो जाएगा. शाम को अधिवक्ताओं ने कचहरी में घूम-घूम कर विजय जुलूस निकाला. साथ ही एक-दूसरे को बधाई भी दी.