ABC News: आनंदेश्वर कॉरीडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. मंदिर गेट से गर्भगृह तक भक्तों के मार्ग में रोड़ा बनी सकरी गली का हल जल्द निकलेगा. परमट घाट पर फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के लिये जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति को पत्र लिखा है.
जिसके तहत परमट घाट का सौंदर्यीकरण भी होगा. बता दें, कि पूर्व में हुये निरीक्षण में पाया गया है कि मंदिर मार्ग बहुत सकरा है. बड़े त्योहारों में मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन करने आते हैं जिससे समस्या उत्पन्न होती है. मुख्य मन्दिर तक भक्तों को आराम से दर्शन दिलाने के लिये परमट घाट की ओर एक एफओबी (फुट ओवर ब्रिज) बनाये जाने और लाइटिंग एवं रेलिंग भी लगाये जाने की मांग की गई. जिससे सुरक्षित रूप से मंदिर आने-जाने के लिये पर्याप्त स्थान उपलब्ध हो सके. पत्र के जरिये कहा गया कि फुट ओवर ब्रिज में स्टील गेटों को लगाये जाने की आवश्यकता होगी ताकि गंगा नदी के घाट तक आने वाले पानी को भी नियन्त्रित किया जा सके. फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के लिये ड्राइंग, डिजाइन बनाकर नमामि गंगे और प्रशासन संम्बधित विभागों से एनओसी मांगेगा. ताकि, सक्षम स्तर से एफओबी को स्वीकृति करने के बाद निर्माण कार्य कराया जा सके. परमट घाट के विस्तारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य वित्तीय वर्ष 2017-18 में नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत इंजीनियर्स इण्डिया लिए नई दिल्ली द्वारा कराया गया था. जिसको देखते हुये डीएम ने परमट घाट पर एफओबी (फुट ओवर ब्रिज) निर्माण का कार्य एवं घाट का सौन्दर्यीकरण नगामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत कराने के लिये कहा है. बता दें कि आनंदेश्वर मंदिर कॉरीडोर का निर्माण 60 फीसदी हो चुका है. प्रथम चरण में वीआईपी रोड पेट्रोल पंप से मंदिर जाने तक का मार्ग बन रहा है. यहां पर नाले के ऊपर पार्किंग के लिये स्लैब भी डाला गया है. इसके साथ ही रास्ते में आने वाले अतिक्रमण को हटाकर दोनो तरफ की दीवारों को ऊंचा किया गया है. स्मार्ट सिटी मिशन के अधिकारी इसे एक जनवरी से इस रास्ते को दर्शन करने आने वाले श्रृद्धालुओं के लिये खोलने की तैयारी कर रहा है. हालांकि, यह कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है. मंदिर जाने वाले मोड़ पर डॉट नाला भी अभी शिफ्ट नहीं हुआ है. जिससे काम समय से नहीं हो रहा है. पहले चरण में ही कई काम लटके हैं और अधिकारी दूसरे और तीसरे चरण के कार्यों को लेकर समीक्षा कर रहे हैं.
यह कार्य भी होने हैं
– भव्य मुख्य द्वार बनेगा
– पार्किंग स्थल विकसित करना
– गंगा तट पर नित्य आरती होगी
– मंदिर के मुख्य गेट से त्रिशूल वाले गेट तक दुकानदारों ने अतिक्रमण हटेगा
– मंदिर परिसर व आसपास के स्थल का सुंदरीकरण
– विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर
– सेल्फी प्वाइंट