ABC News: रूरा के मड़ौली गांव में कब्जा हटाने के दौरान मां बेटी के जिंदा जलने के मामले में घटना के करीब 18 घंटे बाद भी अभी तक शव नहीं उठाया जा सका है. परिजन की मांग है कि मुख्यमंत्री को गांव बुलाया जाए व जो आरोपित मुकदमे में नामजद किए जाएं उनकी गिरफ्तारी हो, तभी शव उठने दिया जाएगा. अधिकारी ग्रामीणों को मनाने में लगे हैं. मंडलायुक्त पूरी रात गांव में रहे पर बात न बन सकी है. कई राजनीतिक दल के लोग भी दोपहर तक गांव पहुंचेंगे. जिसको देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
कानपुर आयुक्त डॉ. राज शेखर ने बताया कि घटना में एफआईआर दर्ज़ कर ली गई है. हम आरोपी को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं. लेखपाल व एसडीएम को निलंबित किया है. वहीं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अधिकारियों से बात की है, किसी भी दोषी को हम बख्शेंगे नहीं. प्रशासनिक अधिकारी हों या पुलिस के अधिकारी हों, कानपुर में झुग्गी झोपड़ी पर जाकर जिन लोगों ने ऐसा काम किया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. जांच कमेटी की रिपोर्ट आज मिल जाएगी. दिवंगत प्रमिला के बेटे शिवम दीक्षित तहरीर में लिखा कि इस जमीन पर हमारे बाबा निवास करते थे. 14 जनवरी को मैथा एसडीएम, लेखपाल व रूरा एसओ बुलडोजर लेकर बिना किसी सूचना के मकान गिराने आ गए. उस दिन कुछ निर्माण गिराया व 10 से 12 दिन का समय दिया गया कि इसे खुद गिरा लो. इसके बाद हम मवेशी संग कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां एडीएम प्रशासन ने सुनवाई नहीं की बल्कि बलवा का मुकदमा लिखवा दिया गया. इसके बाद सोमवार को यही लोग टीम लेकर आए और विपक्षी अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, निर्मल, विशाल व बुलडोजर का चालक दीपक सुनियोजित तरीके से आए. परिवार घर में था लेकिन सूचित किए बना निर्माण गिराने लगे. आरोप है कि लेखपाल ने आग लगा दी और एसडीएम ने कहा कि आग लगा दो झोपड़ी में कोई बच न पाए. मुझे भी पीटा गया और एसओ व पुलिसकर्मियों ने आग में फेंकने की कोशिश की. आग से मेरी मां व बहन जलकर मर गईं जबकि पिता झुलस गए. कानपुर देहात में जमीन का कब्जा हटाने गई टीम के सामने मां-बेटी के जिंदा जलकर मरने की घटना पर सपा व कांग्रेस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.