ABC News: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध जच्चा-बच्चा अस्पताल में आधुनिक पालना केंद्र खोला जाएगा. रविवार के महेशाश्रम, मां भगवती विकास संस्थान, उदयपुर द्वारा जीवन संरक्षण अभियान के तहत संस्था प्रमुख देवेंद्र जे अग्रवाल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे. उन्होंने प्रिंसिपल प्रो. संजय काला के साथ निरीक्षण कर पालना केंद्र का स्थान तय किया.
जच्चा-बच्चा अस्पताल के मुख्य गेट पर पालना केंद्र को स्थापित किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज द्वारा जमीन का आवंटन पत्र संस्था को दे दिया गया है. 2 महीने में पालना केंद्र शुरू कर दिया जाएगा. सरकार ने प्रदेश में 6 मेडिकल कॉलेज में पालना केंद्र खोलने के लिए संस्था को स्वीकृति दी है. संस्था के देवेंद्र जे अग्रवाल ने बताया कि पालना केंद्र में हाईटेक पालना लगाया जाएगा. इसमें नवजात शिशु को रखने के 2 मिनट बाद कॉलेज के नर्सिंग स्टाफ के पास एक घंटी बजेगी. इसका ये मतलब होगा कि पालना में एक शिशु है. पालना में बच्चा छोड़ने के दौरान कोई सवाल-जवाब नहीं किया जाएगा. पालना के आसपास भी कोई नहीं होगा. देवेंद्र जे अग्रवाल ने बताया कि अनचाहे नवजात शिशु विशेष रूप से बेटियां जिन्हें जन्म लेते ही क्रूरता पूर्वक डस्टबिन, कटीली झाड़ियों, नदी, तालाब, कुएं में फेंक दिया जाता है. हम उनसे आग्रह करते हैं कि बच्चा फेंके नहीं, हमें दे दें. यूपी में गोरखपुर द्वारा पालना केंद्र संचालित है. लखनऊ, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, झांसी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में जल्द इनकी शुरुआत की जाएगी.
इस प्रकार होगी मासूम की सुरक्षा
1. पालना केंद्र में नवजात के मिलने के बाद उसका मेडिकल चेकअप किया जाएगा. दूध पिलाना, साफ सफाई, स्वच्छ कपड़े पहनाए जाएंगे.
2. शिशु के स्वस्थ होने पर उसे राजकीय मान्यता प्राप्त शिशु गृह में भेज दिया जाएगा.
3. जिला बाल कल्याण समिति द्वारा शिशु को आवश्यकतानुसार दत्तक ग्रहण हेतु विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित किया जाएगा.
4. केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण द्वारा शिशु के दत्तक ग्रहण की कार्यवाही की जाएगी.
5. जिला न्यायालय द्वारा उस शिशु को दत्तक ग्रहण के माध्यम से किसी दंपत्ति को गोद दिया जाएगा.