ABC News: (रिपोर्ट: सुनील तिवारी) लंबे अंतराल के बाद जब नगर निगम का स्थगित सदन शुरू हुआ तो शहर में बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट्स और करीब 35 प्रतिशत तक पड़ रहे बिलो टेंडर को लेकर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. पार्षदों ने कहा कि शहर अंधेरे में पड़ा है लेकिन अफसर सुन नहीं रहे हैं. इसके अलावा पार्षद बोले कि जब इतना बिला टेंडर पड़ेगा तो विकास कार्य की गुणवत्ता कैसी होगी, इस पर महापौर ने विकास कार्य की गुणवत्ता परखने के लिए कमेटी बनाने का ऐलान किया. महापौर ने कहा कि 15 प्रतिशत के बाद जो बिलो टेंडर होगा, उसके कार्य की गुणवत्ता की जांच कमेटी करेगी.
करीब 45 मिनट तक चले सदन की शुरूआत में ही पार्षदों ने शहर में बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट्स को लेकर हंगामा किया. पार्षदों ने कहा कि शहर अंधेरे में पड़ा है लेकिन अफसर सुन नहीं रहे हैं. जनता बार-बार उनसे शिकायत कर रही है. कांग्रेस पार्षद दल नेता हाजी सुहैल अहमद ने म्यूनिसिपल बांड का जिक्र करते हुए कहा कि इसके जरिए जो पैसा एकत्र होगा, वह जलनिगम को दिया जाएगा, जबकि जलनिगम के कार्यों की गुणवत्ता पूरा शहर देख चुका है. उन्होंने कहा कि जलनिगम ने जेएनयूआरएम योजना में जो लाइनें डाली हैं, उससे लोगों के घर भले ही पानी न पहुंचा हो लेकिन सड़कों पर फव्वारे जरूर दिखाई पड़े. उन्होंने कहा कि इस बांड के जरिए जो रकम आए, उसे नगर निगम खुद अपनी संपत्तियों में निवेश कर भविष्य की रूपरेखा को तैयार करे.
नवरात्र से पहले सफाई और पैचवर्क
सदन में महापौर प्रमिला पांडेय ने अफसरों को निर्देश दिए कि नवरात्र से पहले सभी मंदिरों के आसपास सफाई के अलावा हर हालत में लाइट्स को सही किया जाए और जहां सड़कें खराब हैं, वहां पर अभी से पैचवर्क कराना शुरू कर दिया जाए. यही नहीं, 207 घंटे के स्वच्छता महाअभियान के दौरान गायब रहे अफसरों को लेकर भी महापौर ने नगर आयुक्त को कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा है. इसको लेकर पार्षद नवीन पंडित ने सवाल उठाया, जिसमें कहा गया था कि अभियान में गायब रहे 381 सफाई कर्मचारियों पर तो एक्शन लिया गया लेकिन अफसरों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई.
कर्मचारियों की भर्ती पर भी हंगामा
सदन में पार्षद नीरज बाजपेयी ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती में रकम लिए जाने का आरोप लगाया. इस पर महापौर ने कहा कि इसको लेकर अगर कोई सबूत हैं तो उन्हें सामने रखा जाए. महापौर ने कहा कि हर वार्ड में तीन—तीन सफाई कर्मचारी दिए जा रहे हैं. सभी कर्मचारियों की फाइल उनके कार्यालय में मौजूद रहेगी. वह अपने स्तर से खुद जांच कराएंगी कि जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है वह आ रहे हैं कि नहीं. सदन में पार्षद महेंद्र पांडे ने विष्णुपुरी के बीमा चौराहे से रामचंद्र चौराहे तक मार्ग का नाम आतंकियों की गोली का शिकार हुए शिक्षक रमेश बाबू शुक्ला के नाम पर रखने की मांग की जिस पर सदन ने अपनी सहमति प्रदान कर दी.
पार्षद पति किए गए बाहर
वहीं, सदन से पहले पार्षद पतियों को नगर निगम मुख्यालय से बाहर कर दिया गया. मेन गेट पर पार्षदों की गाड़ियों को रोक दिया गया. नगर निगम केयर टेकर ने सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर करीब 15 बाहरी लोगों को परिसर से बाहर किया. इस सख्ती को लेकर नगर निगम में चर्चा होती रही. इसके अलावा सदन में महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पास होने पर नगर निगम सदन की तरफ से धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया.