ABC News: कानपुर में अनवरगंज रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक घड़ी ने शनिवार से समय बताना शुरू कर दिया है. यह पिछले चार साल से बंद थी. अंग्रेजों के जमाने में 1896 में स्टेशन बना था, तभी घड़ी लगाई गई थी. 2018 में खराब होने के बाद इसे 2020 में हटा लिया गया था. सोशल मीडिया पर मुद्दा छाया कि घड़ी गायब हो गई है.
इस पर डीआरएम प्रयागराज ने संज्ञान लिया. तब कानपुर के पुराने घड़ी साज से लेकर दिल्ली और कोलकाता के पुराने घड़ी कारीगरों से रेलवे ने संपर्क किया लेकिन उन्होंने इसे बनाने में हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने बताया कि घड़ी इतनी पुरानी है कि इसे बनाने में जर्जर पुर्जे टूट जाएंगे. इस पर रेलवे ने ठीक वैसी दिखने वाली आधुनिक घड़ी बनवाई. इसकी कीमत करीब 70 हजार रुपये आई है. रेलवे के सिग्नलिंग और टेलीकॉम विभाग ने इसे चालू कराया है.उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि ऐतिहासिक घड़ी में कुछ नए फीचर जुड़े हैं. मसलन इस घड़ी में अंधेरा होते ही लाइट जल जाती है और सूर्योदय होते ही लाइट बंद हो जाती है. यह घड़ी यांत्रिक न होकर इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग पर आधारित है. बिजली के 230 वोल्ट करंट से चलने वाली यह घड़ी बिजली जाने पर बैटरी से चल सकेगी. बैटरी डिस्चार्ज होने पर जनरेटर से इसे चलाया जाएगा.