ABC News: कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी की फरारी के दौरान मदद करने के आरोप में जेल भेजी गईं सपा नेत्री नूरी शौकत को हाईकोर्ट से बुधवार को जमानत मिल गई. नूरी के अधिवक्ता ने छह साल की बेटी की देखरेख और उसकी बीमारी का हवाला देकर जमानत अर्जी दाखिल की थी. इसी आधार पर उन्हें जमानत दी गई है. इससे पहले एक और आरोपी को भी इसी मामले में जमानत मिल चुकी है.
ग्वालटोली थाने की पुलिस ने 26 नवंबर 2022 को ग्वालटोली थाने में विधायक इरफान सोलंकी और सपा नेत्री नूरी शौकत समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोप है कि नूरी शौकत समेत आठ लोगों ने विधायक को जाली आधार कार्ड बनवाया और फिर उन्हें दिल्ली से मुंबई हवाई यात्रा से फरार कराया था. ग्वालटोली थाने की पुलिस ने नूरी समेत सात आरोपियों को अरेस्ट करके जेल भेजा था. तब से कानपुर में सपा महिला सभा की पूर्व जिलाध्यक्ष रहीं नूरी शौकत भी जेल में थीं. नूरी की सेशन कोर्ट से जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद हाईकोर्ट में उनके वकील ने नूरी की छह साल की बेटी की बीमारी का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी. नूरी के वकील के मुताबिक जेल जाने के बाद से उनकी छह साल की बेटी बीमार है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद बुधवार को नूरी की जमानत याचिका मंजूर कर दी. इधर जमानत मिलने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है. आखिर एक के बाद एक दो आरोपियों को इरफान कांड में जमानत मिल गई है. इससे पहले नूरी के ड्राइवर अम्मार इल्लाही को कोर्ट से एक दिन पहले ही जमानत मिली है. ग्वालटोली थाने की पुलिस ने 26 नवंबर को सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, सपा नेत्री नूरी शौकत, अम्मार इल्लाही, अख्तर मंसूरी, अनवर मंसूरी, अशरफ, इशरत और अली के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले में धोखाधड़ी, फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाना, उनका इस्तेमाल करना, षड्यंत्र रचना आदि में एफआईआर दर्ज की गई थी.