ABC News: कानपुर में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) के गर्ल्स हॉस्टल के पास तेंदुए ने अपना डेरा जमा लिया है. अंधेरा गहराते ही इस इलाके में वह अपनी चहलकदमी शुरू कर देता है. उसकी मौजूदगी से यहां हॉस्टल में रह रही 6 छात्राओं में दहशत है. पिंजड़े भी लगे रहे लेकिन शातिर तेंदुआ एक भी दिन पिंजड़े के आस पास से भी नहीं गुजरा. टीमों ने भी तेंदुए को इसी क्षेत्र में घेरने की तैयारी पूरी कर ली है.
शनिवार को पूरी रात रेस्क्यू टीमें इस हॉस्टल के आसपास ही बैठकर तेंदुए के आने का इंतजार करती रहीं. सहायक वन संरक्षक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार शाम को करीब 6 बजे से ही सभी टीमों को सक्रिय कर दिया गया था. संभावित स्थानों पर आगरा से आई एसओएस की टीम और चिड़ियाघर के डॉक्टरों की टेंकुलाइजर गन के साथ मुस्तैद रहीं. तेंदुए को घेरने के लिए गन्ने के खेत के पास जाल भी लगाया और बिछाया गया था. दिन में भी टीमों ने जंगल और उसके आस पास के इलाकों में कॉम्बिंग की थी. हालांकि टीमों को न तो तेंदुए की झलक दिखी न ही उसके किए हुए किसी शिकार के कोई अवशेष मिले. तेंदुए को पकड़ने के लिए एनएसआई में तीसरा पिंजड़ा लगाया है. तेंदुए को फंसाने के लिए शिकार के रूप में रखा जाने वाला वन्य जीव पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. उसके लिए दो फीट चौड़ा एक केबिन अलग से बना है. इस पिंजड़े में तेंदुए के अंदर जाते ही शटर बंद हो जाएगा.