Kanpur: हैलट अस्पताल में बुजुर्गों के लिए बनेगा अलग वार्ड, गंभीर और अति गंभीर मरीज होंगे भर्ती

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ABC News: हैलट अस्पताल में बुजुर्गों के लिए अलग से वार्ड (जीरियाट्रिक) बनाने की तैयारी है, जहां गंभीर और अति गंभीर मरीज भर्ती किए जाएंगे. उनके लिए डॉक्टर और स्टाफ अलग से लगेगा. यह वार्ड मानसिक रोग विभाग की ओपीडी के ठीक सामने बनाया जाएगा. पहले यहां चर्म रोग विभाग का निर्माण करने की तैयारी थी, लेकिन अब उनके लिए नई जगह तलाशी जा रही है. जीरियाट्रिक वार्ड के निर्माण के लिए बजट भी आ गया है.

कानपुर समेत आसपास के काफी संख्या में मरीज हैलट अस्पताल में भर्ती होते हैं. इनमें बुजुर्गों की संख्या काफी रहती है. यह स्थिति सबसे अधिक मेडिसिन वार्ड में रहती है, जबकि सर्जरी, ऑर्थो, न्यूरो के काफी मरीजों का इलाज चलता है. ऑपरेशन की वजह से उनको कई दिनों तक भर्ती रहना पड़ता है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मरीजों की बेहतरी के लिए जीरियाट्रिक वार्ड बनाने का निर्णय किया है. यहां बुजुर्ग मरीजों की देखरेख के साथ ही उन्हें अन्य तरह की सुविधाएं मिल सकेंगी. यह वार्ड जच्चा बच्चा अस्पताल के पुराने दीपिका वार्ड को रेनोवेट करके तैयार किया जाएगा. प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या के मुताबिक पहले चरण में 30 बेड का वार्ड बनाने की तैयारी है. इसमें बेड की संख्या और बढ़ाई जा सकती है. बीमार बुजुर्गों के लिए सभी तरह की सुविधांए रहेंगी. उनके चढ़ने और उतरने के लिए रैंप बनवाए जाएंगे, जबकि बेड और अन्य उपकरण उनकी जरूरत के हिसाब से रखेंगे. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि जीरियाट्रिक वार्ड के संचालन के लिए कई कंपनियां से बातचीत चल रही है. उनकी ओर से सीएसआर फंड के साथ ही सेवादाता दिए जा सकते हैं. यह बीमार और जरूरतमंदों की मदद करेंगे. जीरियाट्रिक वार्ड बिलकुल अलग रहेगा. मेडिसिन के अलावा अन्य विभाग के डॉक्टर अपने मरीजों को देखने के लिए आएंगे. हैलट अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक नए साल से बुजुर्गों के लिए अलग से जीरियाट्रिक ओपीडी शुरू करने की तैयारी है. यहां सिर्फ बुजुर्ग मरीज दिखा सकेंगे. इससे उन्हें अन्य ओपीडी में जाना नहीं पड़ेगा. स्पेशल ओपीडी का दिन निर्धारित रहेगा. यहां मरीजों की संख्या को देखते हुए ओपीडी के दिन बढ़ा दिए जाएंगे. चर्म रोग विभाग के नोडल अधिकारी प्रो. डीपी शिवहरे ने बताया कि विभाग को नए तरीके से तैयार करने का प्लान दिया जा चुका है. इसमें कई तरह की सुविधाएं रहेंगी. माइनर ओटी के साथ ही जूनियर डॉक्टरों को शोध करने का मौका मिलेगा. छोटा सभागार भी रहेगा, जिसमें केस पर चर्चा की जा सकेगी.

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