ABC News: जूही स्थित केशव नगर बाईपास के नीचे करीब 6 सुअरों मरे पड़े हैं. इनके शव सड़ रहे हैं. शवों के सड़ांध से राहगीरों का बुरा हाल हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक बीते 3 दिनों से यहां सुअरों के शव सड़ रहे हैं, नगर निगम ने इन्हें उठवाया तक नहीं है. वहीं लोगों को बीमारी फैलने का डर सताने लगा है.
कानपुर में डेंगू लोगों की जान ले रहा है. वहीं स्वाइन फ्लू से फैलाने वाली बीमारियों का भी डर दोबारा सताने लगा है. कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की छात्रा पाखी की स्वाइन फ्लू से मौत तक हो चुकी है. मेडिकल कॉलेज कैंपस के अंदर सुअरों के शव मिलने के बाद वहां स्वाइन फ्लू फैला था. वहीं मामले में पशु चिकित्साधिकारी डा. आरके निरंजन ने बताया कि जांच करा सुअरों के शवों का निस्तारण कराया जाएगा. शिकायतकर्ता अंकित ने बताया कि जहां सुअरों के शव फेंके गए हैं, वहां से कुछ ही दूरी पर संजय गांधी नगर में बड़ी तादाद में सुअर पालक रहते हैं. किसी भी कारण से सुअर मरते हैं, वो जहां-तहां शव फेंक कर चले जाते हैं. नगर निगम कोई कार्यवाही नहीं करता है. फ्लाईओवर के नीचे से रोजाना हजारों की संख्या में लोग गुजरते हैं. कानपुर में सुअरों के शवों को लगातार सुअर पालकों द्वारा फेंका जा रहा है. 8 सितंबर को कानपुर कैंट क्षेत्र के जंगलों में 100 से ज्यादा मृत सुअरों के शव पड़े मिले थे. इससे पहले 25 जुलाई के आसपास गोविंद नगर, सनिगवां क्षेत्र में भी 90 से अधिक सुअरों के शव फेंके गए थे. जांच के बाद 5 सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से सुअरों की मौत की पुष्टि हुई थी.