ABC News: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में 10 फरवरी 1997 को हुई पूर्व कैबिनेट मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर संजीव जीवा जरायम की दुनिया में सुर्खियों में आया था. यहीं से उसकी कुख्यात मुन्ना बजरंगी से नजदीकियां बढ़ीं. 2005 में गाजीपुर के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित छह लोगों की हत्या में बजरंगी और जीवा को पुलिस ने आरोपी बनाया था. बता दें कि भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने ही यूपी के चर्चित गेस्टहाउस कांड में मायावती की सहायता की थी.
फर्रुखाबाद के अमृतपुर गांव के रहने वाले और पेशे से वकील ब्रह्मदत्त द्विवेदी भाजपा के कद्दावर नेताओं में थे. कल्याण सिंह सरकार में ऊर्जा व राजस्व विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे. जून 1995 को स्टेट गेस्ट हाउस कांड में जिस तरह ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने बसपा नेता मायावती को बचाया था. साथ ही मायावती और कांशीराम पर हमला बोलने आए सपा के लोगों से मोर्चा लिया था, उसके चलते तो द्विवेदी और भी चर्चित हो गए थे. साथ ही उनका राजनीतिक कद भी काफी बढ़ गया था. प्रदेश के माफिया की सूची में माफिया मुख्तार अंसारी के साथ मुजफ्फरनगर निवासी संजीव जीवा उर्फ संजीव माहेश्वरी का नाम भी इसी सूची में शामिल था. जीवा को मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता था. जीवा के खिलाफ मुजफ्फरनगर में एक दर्जन से अधिक गंभीर धाराओं के मुकदमे दर्ज हैं. उस पर भाजपा विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी के अलावा कृष्णानंद राय की हत्या का भी आरोप था.
वर्ष 2022 में भौराकलां के गांव हड़ौली माजरा निवासी अनिल उर्फ पिंटू को पकड़ा गया था. उसके पास से एके-47 बरामद हुई थी. यह हथियार जीवा की ओर से बेचने की बात सामने आई थी. मुजफ्फरनगर के महावीर चौक पर जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी का चार करोड़ का कांप्लेक्स था. यह संपत्ति जीवा के खिलाफ मुजफ्फरनगर शहर कोतवाली में दर्ज गिरोहबंद अधिनियम के तहत मई 2022 में जब्त की गई थी.