ABC NEWS: राज्यसभा चुनाव के पहले समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. एक तरफ एक-एक विधायक का वोट पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. वहीं सपा विधायक इरफान सोलंकी वोट ही नहीं डाल पाएंगे. वो जेल में बंद हैं और कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है.
दरअसल, कानपुर से समाजवादी पार्टी विधायक इरफान सोलंकी पिछले 1 साल से जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ एक महिला ने प्लाट पर कब्जा करने की मंशा से आगजनी करने का आरोप लगाया है. उन पर कई अन्य आरोपों में भी मामले दर्ज हैं.
इरफान सोलंकी के वकील मोहम्मद आसिफ खान ने एमपी-एमएलए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मांग की थी कि उन्हें राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की अनुमति दी जाए. सरकारी वकील भास्कर मिश्रा ने कोर्ट में दलील दी कि इरफान की याचिका पैरोल या शॉर्ट टर्म बेल जैसी प्रतीत हो रही है.
इसके बारे में निर्णय करने का अधिकार ट्रायल कोर्ट को नहीं है. कोर्ट ने इसे मानते हुए अर्जी खारिज कर दी. इरफान के वकील ने कोर्ट में बीते दिनों झारखंड सीएम हेमंत सोरेन का उदाहरण देते हुए अपील की थी कि जैसे उच्च न्यायालय ने फ्लोर टेस्ट के लिए झारखंड के सीएम को जेल से बाहर जाने की अनुमति दी, वैसे ही इरफान को वोट डालने के लिए अनुमति दी जाए.
इस मामले में सोमवार को दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई. अभियोजन ने कोर्ट में दलील दी कि बचाव पक्ष की अर्जी में इस बात का भी जिक्र नहीं है कि प्रार्थना पत्र किस धारा में दिया गया है. ट्रायल के दौरान किसी भी बंदी को वोट देने का अधिकार नहीं है.
सरकारी वकील ने कोर्ट को अवगत कराया कि गैंगस्टर एक्ट में इरफान सोलंकी खुद गैंग लीडर हैं. हाई कोर्ट से भी इनको जमानत नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान मतदान केंद्र में पुलिसबल को प्रवेश करने अनुमति नहीं होती है. इरफान का स्वतंत्र रहना उचित नहीं है. इसका केस के गवाहों पर असर पड़ सकता है.