‘ऐसा लगा था कि मेरा समय पूरा हो गया’ ऋषभ पंत ने सुनाई एक्सीडेंट की दर्दनाक दास्तां

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ABC NEWS: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार विकेटकीपर- बल्लेबाज ऋषभ पंत का 30 जनवरी 2022 को उत्तराखंड के रुड़की में बड़ा कार हादसा हुआ था. इस हादसे में उनकी जान बाल- बाल बची थी. इसके बाद उनको कई सर्जरी से गुजरना पड़ा. एक्सीडेंट की रिकवरी के बाद अब एक बार फिर ऋषभ मैदान में खेलने को तैयार हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पंत इस साल होने वाले आईपीएल में खेल सकते हैं.  29 जनवरी 2024 को अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट शेयर करते हुए पंत ने अपने एक्सीडेंट पर लिखा और बताया कि कैसे उनकी जान बची थी. आगे जानें कैसे बची पंत की जान?…

भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत कार दुर्घटना के बाद पेशेवर क्रिकेट में वापसी के लिए लगभग तैयार हैं. उम्मीद है कि पंत दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करते नजर आएंगे. 30 दिसंबर, 2022 को एक कार दुर्घटना में पंत बुरी तरह घायल हो गए थे. उनकी कार में आग लग गई थी. उस वक्त को याद करते हुए पंत ने कहा कि उस दौरान ऐसा लगा जैसे दुनिया में उनका समय खत्म हो गया है. पंत के दाहिने घुटने का लिगामेंट फट गया और उनकी दाहिनी कलाई, टखने और पैर के अंगूठे के साथ-साथ पीठ पर भी चोटें आईं. उनके चेहरे पर लगी चोटों, घावों और खरोंचों को ठीक करने के लिए उनकी सर्जरी की गई. एक साक्षात्कार में पंत ने उस दुखद अनुभव के बारे में बात की जिसके कारण उन्हें लगभग अपनी जान गंवानी पड़ी.

 

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एक्सीडेंट पर पंत ने क्या कहा?
अपने हादसा को लेकर पंत ने कहा कि, “जीवन में पहली बार मुझे ऐसा लगा कि जैसे इस दुनिया में मेरा समय खत्म हो गया है. मुझे दुर्घटना के दौरान लगी चोटों के बारे में पता था, लेकिन मैं भाग्यशाली था क्योंकि यह और भी गंभीर हो सकता था. मुझे लगा कि किसी ने मुझे बचा लिया है. मैंने डॉक्टर से पूछा कि मुझे ठीक होने में कितना समय लगेगा और उन्होंने कहा कि, इसमें 16-18 महीने लगेंगे. मैं जानता था कि इस पुनर्प्राप्ति समय को कम करने के लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी.

पंत ने की खास अपील
सोमवार (29 जनवरी) को अपने सोशल मीडिया पर पंत ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि “मुझे उम्मीद है कि भारत में लोग एम्बुलेंस के लिए भी ऐसा ही करेंगे. आप कभी नहीं जानते कि, केवल एम्बुलेंस को रास्ता देकर कितनी जिंदगियां बचाई जा सकती हैं. हम व्यक्तिगत रूप से यह पहल कर सकते हैं और एम्बुलेंस को रास्ता देकर लोगों की जान बचा सकते हैं. उन लोगों को धन्यवाद जो पहले से ही ऐसा कर रहे हैं.

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