ABC News: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद इंडिया गठबंधन पर उठ रहे सवालों के बीच संसदीय दल की बैठक हुई. मल्लिकार्जुन खरगे के बुलावे पर हुई इस बैठक में नेताओं ने लोकसभा चुनाव को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की.
बैठक में आम आदमी पार्टी, सपा, डीएमके, जेडीयू और आरजेडी समेत 17 दलों के नेता शामिल हुए. हालांकि गठबंधन में शामिल ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस बैठक से दूरी बनाई रखी. गठबंधन में शामिल ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और एमके स्टालिन समेत अन्य प्रमुख नेता इस बैठक से दूरी बनाए रहे.
बताया जा रहा है कि प्रमुख नेताओं की बैठक इस महीने के तीसरे सप्ताह में हो सकती है. इंडिया अलायंस की इस बैठक में कांग्रेस से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रमोद तिवारी, अधीर रंजन चौधरी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, सैयद नसीर हुसैन, रजनी अशोकराव पाटिल, गौरव गोगोई और सुरेश कोडुक्कुन्निल शामिल हुए हैं. कांग्रेस के अलावा, जिन पार्टियों के नेता इस बैठक में शामिल हुए, उनमें जेडीयू से ललन सिंह, डीएमके से तिरुचि शिवा और टीआर बालू, सीपीआईएम से इलामारम करीम, आरजेडी से डॉ. फैयाज अहमद, समाजवादी पार्टी से डॉ. रामगोपाल यादव, जावेद अली खान और एस टी हसन, एनसीपी से वंदना चव्हाण, आम आदमी पार्टी से राघव चड्ढा, सीपीआई से बिनॉय विश्वम, आईयूएमएल से अब्दुल वहाब और ईटी मोहम्मद बशीर, एमडीएमके से वाइको, आरएलडी से जयंत चौधरी, केरल कांग्रेस (एम) से जोस के मणि, झामुमो से महुआ माजी, एनसी से हसनैन मसूदी, आरएसपी से एनके प्रेमचंद्रन, वीसीके से डॉ. तिरुमावलवन थोल और डी रविकुमार शामिल हैं. बैठक में जिन 17 पार्टियों ने हिस्सा लिया, उनमें कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआईएम, सीपीआई, एनसीपी, एनसी, आईयूएमएल, आरएसपी, जेएमएम, वीसीके, जेडीयू, केरल कांग्रेस (एम), आम आदमी पार्टी, आरएलडी और एमडीएमके शामिल हैं. यह बैठक ऐसे समय हुई है जब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस ने पहली बार तेलंगाना में जीत दर्ज की है. हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में हार के बाद इंडिया गठबंधन के कुछ घटक दलों ने कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं. अगले लोकसभा चुनाव के लिए 26 विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बनाया है. इस गठबंधन की अब तक तीन बैठकें पटना, बेंगलुरु और मुंबई में हो चुकी हैं. मुंबई में हुई बैठक में भविष्य की रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करने के लिए 14 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया गया था.