ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) अब आईआईटी कानपुर ने ऐसा ड्रोन विकसित किया है जो दुश्मन के गढ़ में घुसकर उसे तबाह कर देगा. यह ड्रोन भारतीय सीमा से 100 किमी की दूरी तय कर अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगा. इस दूरी को तय करने में उसे सिर्फ 40 मिनट का समय लगेगा. इस ड्रोन को आईआईटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक डॉ. सुब्रमण्यम सडरेला ने विकसित किया है. अगले छह माह में प्रशिक्षण के बाद ड्रोन पूरी तरह तैयार हो जाएगा.
ड्रोन पर आईआईटी के वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं. आपदा और सेना की जरूरतों के मुताबिक रिसर्च कर ड्रोन विकसित किया जा रहा है. इसी क्रम में प्रो. सडरेला ने यह ड्रोन विकसित किया है. स्टेल्ड टेक्नोलॉजी के चलते यह दुश्मनों की रडार को चकमा देने में सक्षम होगा. उन्होंने बताया कि डीआरडीओ के डीवाईएसएल प्रोजेक्ट के तहत एक साल से इस ड्रोन पर रिसर्च काम चल रहा है. यह दो मीटर लंबा फोल्डेबल फिक्स्ड विंग वाला ड्रोन है. यह 100 मीटर से साढ़े चार किमी की ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम है.
एआई की मदद से काम करेगा
प्रो. सडरेला ने बताया कि यह ड्रोन स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है. यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक पर काम करेगा. इस ड्रोन में सेना की जरूरतों के मुताबिक बदलाव भी संभव होगा. ड्रोन की विंग में कैमरे और इंफ्रारेड सेंसर लगे हैं. इसे कैटपल्ट या कैनिस्टर लांचर से लांच किया जा सकता है. एआई तकनीक की मदद से यह ड्रोन जीपीएस ब्लॉक होने के बाद भी टॉरगेट को तबाह कर देगा.
बेस स्टेशन से होगा कंट्रोल
ड्रोन सेना के लिए सबसे बड़ी ताकत बनने वाला है. यह ड्रोन अल्गोरिदम के हिसाब से चलता है. मतलब, यह खुद भी फैसला ले सकेगा और इसे बेस स्टेशन से रिमोट से भी नियंत्रित किया जा सकता है. ड्रोन निर्धारित टारगेट से सिर्फ दो मीटर ही भटक सकता है. यह दिन के साथ रात में भी उड़ान भरने में सक्षम है.
ड्रोन की खूबियां
40 मिनट में 100 किमी की तय करेगा दूरी
6 किलो विस्फोटक सामग्री रखने में सक्षम
2 मीटर लंबा है ये आत्मघाती एडजेस्टेबल ड्रोन
4.5 किमी ऊंचाई तक उड़ सकेगा