ABC NEWS: सनातन धर्म और ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता कहा जाता है. शनि देव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव 9 ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलने वाले ग्रह है. इसी कारण से शनि देव 1 राशि में साढ़े सात साल तक विराजमान रहते हैं. इसी वजह से ही राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चलती है. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान जातक कई प्रकार के कष्ट भोगता है. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं, कि यदि आप भी शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान हैं. तो आपको भी ये उपाय अवश्य अपनाने चाहिए.
1. यदि आप पर भी शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है तो प्रत्येक शनिवार को काले तिल, आटा, शक्कर लेकर इन तीनों चीज़ों को मिला लें उसके बाद ये मिश्रण काली चींटियों को खिलाए.
2. शनि से सम्बंधित बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार को सूर्यास्त के समय धारण करें.
3. शनि दोष से मुक्ति के लिए शनि देव की 10 नामों का कम से कम 108 बार जाप करें.
4. दान पुण्य करने वाले लोगों से शनि देव प्रसन्न रहते हैं, इसलिए अपने सामर्थ्य के अनुसार काली तिल, काला कपड़ा, कंबल, उड़द की दाल का दान करें.
5. हनुमान जी की पूजा करने से शनि दोषों का सामना नहीं करना पड़ता, इसलिए बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं. इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और प्रत्येक शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें.
6. शनि देव की पूजा कर कि उन्हें नीले रंग की पुष्प अर्पित करें. इसके साथ ही शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का रूद्राक्ष की माला से जाप करें. मंत्रों के जप संख्या 108 होनी चाहिए. ऐसा प्रत्येक शनिवार करने से शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति प्राप्त होगी.
7. शनि की साढ़े साती या ढैया से मुक्ति पाने के लिए प्रातः काल उठकर स्नानआदि से निवृत्त होकर एक कटोरी में तेल लें, इसमें अपना चेहरा देखें और उसके बाद इस तेल को किसी ज़रूरत मंद व्यक्ति को दान दे दें, ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
8. सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें और इसकी सात परिक्रमा करें. सूर्यास्त के बाद सुनसान स्थान पर लगे पीपल के पेड़ पर दीप जलाएं. यदि ऐसा नहीं कर पाते हैं. तो किसी मंदिर में लगे पीपल के पास दीपक प्रज्वलित कर सकते हैं.
9. शनिवार को तेल में बने हुए खाद्य पदार्थ किसी ज़रूरतमंद विकास व्यक्ति को खिलाए ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं.
10. शनिवार की रात को रक्त चंदन से अनाज की क़लम लेकर “ॐ व्ही को” भोज पत्र पर लिखकर प्रतिदिन सुबह पूजा करें। ऐसा करने से शनिदेव की कृपा मिलती है, साथ ही विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी