ABC News: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए रविवार (19 फरवरी) को केंद्रीय जांच ब्यूरो के कार्यालय में बुलाया गया था. उन्होंने बजट बनाने की बात कहकर सीबीआई से थोड़ा और समय देने की मांग की. अब इस मामले में सिसोदिया ने एक और बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि अगर आज उनसे पूछताछ की जाती तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता था.
I will visit the CBI office by the end of February, whenever they (CBI) will call me. Being the Finance Minister of Delhi, preparing the budget is very important, so I have requested to shift the date. I have always cooperated with these agencies: Delhi Deputy CM Manish Sisodia pic.twitter.com/YBv5RFOBeb
— ANI (@ANI) February 19, 2023
सिसोदिया ने कहा ‘मुझे आज गिरफ्तार किया जा सकता था’ आप नेता ने दावा किया कि उन्हें डर है कि बीजेपी उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है. उन्होंने कहा, ‘मैं गिरफ्तारी से नहीं डरता और सवालों से नहीं भागता”. उन्होंने बजट का हवाला देते हुए केंद्रीय एजेंसी से पूछताछ को किसी और तारीख तक टालने का अनुरोध किया है. अब सीबीआई इस मामले में उन्हें नए सिरे से समन जारी करेगी. इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के करीब तीन महीने बाद सिसोदिया को रविवार (19 फरवरी) को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री होने के नाते उन्होंने कहा कि वह बजट बनाने में व्यस्त हैं, इसलिए एक सप्ताह के बाद पूछताछ के लिए उपलब्ध हो सकेंगे.
I’ve always cooperated with CBI, but this is a crucial time for Delhi as we’ve to prepare the budget and sent it to the Central Government by the end of February. I knew they would arrest me so I’ve asked CBI to give me time to finalise the budget: Delhi Deputy CM Manish Sisodia pic.twitter.com/S3SAirQORU
— ANI (@ANI) February 19, 2023
आबकारी विभाग का प्रभार भी संभालने वाले आप नेता से पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी और मामले के सिलसिले में उनके घर और बैंक लॉकरों की भी तलाशी ली गई थी. चार्जशीट में उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है क्योंकि उनके और अन्य संदिग्धों के खिलाफ जांच अभी भी चल रही है. सीबीआई ने शनिवार (18 फरवरी) को सिसोदिया के खिलाफ ताजा सबूतों के आधार पर उन्हें समन जारी किया था. यह मामला आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है.