हल्द्वानी में कैसे भड़क गई हिंसा की ऐसी आग, आधी-अधूरी तैयारी पड़ गई भारी

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ABC NEWS: उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी में गुरुवार को उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया. हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए. इस हिंसा में अभी तक चार लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

दरअसल पुलिस प्रशासन की टीम हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में ‘अवैध’ रूप से निर्मित मदरसा एवं मस्जिद को हटाने गई थी. जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी संख्या में महिलाओं सहित गुस्साए स्थानीय निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए. उन्हें बैरिकेड तोड़ते और विध्वंस की कार्रवाई में लगे पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते देखा गया.

हल्द्वानी में हुआ क्यों ऐसा बवाल 
दरअसल कोर्ट के आदेश पर हल्द्वानी नगर निगम अतिक्रमण हटाने में जुटा है. वनभूलपुरा इलाके में स्थित मलिक के बगीचे में  नजूल भूमि (जिस पर किसी का मालिकाना अधिकार ना हो) पर मदरसे और एक मस्जिद बना हुआ था. नगर निगम ने इन्हें अवैध बताते हुए ऐक्शन लिया था. इसको लेकर 4 फरवरी की देररात भी बवाल हो गया था. क्षेत्र में तनाव फैलता देख नगर निगम ने किसी आदेश का हवाला देते हुए दोनों स्थलों को सील कर दिया था. इसके बाद अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई को रोक दिया था, लेकिन गुरुवार को नगर निगम के कर्मचारी 4 बजे जेसीबी लेकर वनभुलपूरा थाने पहुंच गए. सील संपत्ति पर अचानक क्यों कार्रवाई की गई, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं.

अधूरी तैयारी पड़ गई भारी
वनभूलपुरा में गुरुवार को हुए बवाल में पुलिस-प्रशासन की आधी-अधूरी तैयारियों का खामियाजा पूरी फोर्स और सुरक्षाकर्मियों को भुगतना पड़ा. सुरक्षा उपकरणों के नाम पर आधे से ज्यादा पुलिसकर्मी दोपहिया वाहनों पर इस्तेमाल होने वाले हेलमेट के सहारे पत्थरबाजों का सामना कर रहे थे. वहीं न तो पर्याप्त मात्रा में विंड शील्ड थी और न ही बाहरी फोर्स को इलाके के रास्तों का पता था. वहीं हिंसा और आगजनी की घटना में प्रशासनिक विफलता भी उजागर हुई है. घटना को लेकर पिछले दिनों क्षेत्र में फैले तनाव को देखते हुए भी प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई.

दर्जनों गाड़ियों को फूंका
जिस समय जेसीबी का एक्शन चल रहा था तो उसी दौरान भीड़ हिंसक हो गई और नारेबाजी करने के बाद पथराव करने लगी. देखते ही देखते पूरे क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण हो गए. बुलडोजर चलाने पहुंचे प्रशासन पर उपद्रवियों ने जमकर पथराव किया. पुलिस ने आक्रोशित लोगों को शांत करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया तो बवाल और बढ़ गया. इसके बाद रामनगर से अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई और बनभूलपुरा थाने पहुंचने के बाद पुलिस ने फिर मोर्चा संभाल लिया.

बवाल करने वालों ने थाने में आगजनी की और दर्जनों गाड़ियों को फूंक दिया. बवाल के बाद अब पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाया गया है और उपद्रवियों पर एक्शन लिया जा रहा है. प्रशासन और सरकार दावा कर रहे हैं कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही अतिक्रमण को हटाने का काम किया गया. कांग्रेस ने कहा कि दोनों पक्षों को धैर्य से काम लेना चाहिए था.

100 लोग घायल घायल पुलिसकर्मियों को एबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया है और उनकी हालत खतरे से बाहर है.  अस्पताल में भर्ती कराए गए लगभग 100 से अधिक लोगों में से अधिकांश पुलिसकर्मी और नगरपालिका कर्मचारी हैं. बवाल बढ़ा तो सरकार के भी कान खड़े हो गए.

सीएम की हाईलेवल बैठक 
इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजधानी देहरादून में हाईवेल मीटिंग बुलाई और हालात की समीक्षा की. इस बैठक में तय किया गया कि दंगाइयों को देखते ही गोली मार दिया जाएगा.उन्होंने अराजक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिए.

देहरादून में अपने आधिकारिक आवास पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार तथा अन्य उच्चाधिकारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने स्थानीय लोगों से शान्ति बनाये रखने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए.

स्कूल बंद, इंटरनेट सस्पेंड
नैनीताल की जिला मजिस्ट्रेट वंदना ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए हल्द्वानी में कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि शहर में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं, साथ ही क्षेत्र में स्कूलों को बंद रखने का आदेश भी जारी किया गया है. कोई भी शख्स अत्यावश्यक कार्यों (मेडिकल इत्यादि) को छोड़कर घर से बाहर नहीं निकलेगा.

महिला पुलिसकर्मी ने बताई आपबीती
‘हम बड़ी मुश्किल से बचे’ एक महिला पुलिसकर्मी ने आजतक से बातचीत में बताया, “हम लोग बहुत ज्यादा बहुत बच कर आए हैं. पथराव होने पर एक घर में हम लोग घुस गए. 15-20 लोग हम अंदर घुसे हुए थे. उसके बाद बाहर से लोगों ने आग लगाने की कोशिश की और पथराव किया. हम बड़ी मुश्किल से छिपकर जान बचाकर आए हैं. इसके बाद मौके पर फोर्स आई. हर गली, छतों से पथराव हो रहा था. हम लोगों ने एक घर में घुसकर फोर्स को लोकेशन दी. तब फोर्स आई. जिस घर में हम थे और जिस व्यक्ति ने हमारी जान बचाई उसके घर दरवाजे तोड़ दिए गए, शीशे तोड़ दिए गए.”

हाईकोर्ट ने दिया था अतिक्रमण हटाने का आदेश
ये सारा बवाल एक मदरसे और नमाज स्थल के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई के बाद हुआ. प्रशासन के मुताबिक, मदरसा अवैध था 30 जनवरी को नगर निगम ने ढहाने का नोटिस दिया था. तीन एकड जमीन का कब्जा निगम ने पहले ही ले लिया था. मदरसा और नमाज स्थल भी सील कर दिया गया था. मदरसा चलाने वाली संस्था हाईकोर्ट गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद आज एक बजे अवैध मदरसा ढहाने की कार्रवाई शुरू की गई.

सीएम से लेकर पुलिस के अफसर कह रहे हैं कि सारा एक्शन कोर्ट के आदेश पर किया गया था. नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद मीणा ने बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अदालत के आदेश के अनुपालन में की गई है.उधर कांग्रेस का कहना है कि शांति पूर्ण हल्द्वानी की ये घटना शर्मनाक है. दोनों पक्ष धैर्य बरतें हरीश रावत पूर्व सीएम उत्तराखंड हालात बेकाबू होने की वजह जो भी हो लेकिन ये तय है कि इस शांत पहाडी सूबे में इस तरह की हिंसा चिंता पैदा करने वाली है.

दंगाइयों से की जाएगी नुकसान की भरपाई
नैनीताल की जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. हमारे पास वीडियो रिकॉर्डिंग से लेकर दंगाइयों के अनेक इनपुट हैं, उन सबको एकत्र किया जा रहा है. नुकसान की भरपाई उन्हीं दंगाइयों के द्वारा की जाएगी. जानकारी जुटाने के लिए दंगाइयों के पोस्टर भी जारी किए जाएंगे. पुलिस और प्रशासन ने धैर्य का परिचय दिया है. अवैध अतिक्रमण पर हमारा अभियान रुकने वाला नहीं है.

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