खास है आज की मौनी अमावस्या, इस शुभ योग में लगाएं पुण्य की डुबकी

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ABC NEWS: सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का बड़ा महत्व माना जाता है. माघ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. आज मौनी अमावस्या पर एक महा संयोग बनने जा रहा है. मान्यता है आज के दिन स्नान और दान करने का पुण्य साधारण दिनों से कई गुना ज्यादा बढ़कर मिलता है. इसलिए आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान करने की परंपरा है. माना जाता है आज के दिन पितरों का पूजन करने से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.

मौनी अमावस्या पर कैसे करें पूजा और स्नान?

मौनी अमावस्या पर प्रात:काल या संध्याकाल स्नान के पूर्व संकल्प लें. पहले जल को सर पर लगाकर प्रणाम करें. फिर स्नान करना आरम्भ करें. स्नान करने के बाद सूर्य को काले तिल मिलाकर अर्घ्य दें. साफ वस्त्र धारण करें. फिर मंत्र जाप करें. मंत्र जाप के पश्चात वस्तुओं का दान करें. चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं.

मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त

स्नान-दान का मुहूर्त- 9 फरवरी को सुबह 08.02 बजे से सुबह 11.15 बजे तक

श्राद्ध कर्म का समय- 9 फरवरी को सुबह 11.00 बजे दोपहर 03.21 बजे तक

बन रहे हैं इस बार शुभ संयोग

आज की मौनी अमावस्या बेहद खास है क्योंकि आज मौनी अमावस्या के दिन बहुत से शुभ संयोग बन रहे हैं. आज मौनी अमावस्या के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग, विनायक अमृत योग, हंस योग और मालव्य योग बन रहे हैं. ये सभी योग बहुत खास और शुभ फलदायक माने जाते हैं. इन योग में पूजन और दान करना विशेष शुभ फलदायक माना जाता है.

सर्वार्थ सिद्धि योग

आज सबसे पहले सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. मान्यताओं के अनुसार स्वार्थ सिद्धि योग में जो भी कार्य शुरू किया जाता है उससे विशेष लाभ मिलता है. स्वार्थ सिद्धि योग इस बार मौनी अमावस्या के दिन शुक्रवार को बन रहा है इसलिए इस योग में वस्त्र और आभूषण खरीदना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है. स्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 5 मिनट से आरंभ होगा और रात में 11 बजकर 29 मिनट पर इसका समापन होगा.

इस शुभ मुहूर्त में करें स्नान

आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करना बहुत शुभ और मंगल दायक माना जाता है. आज स्नान का शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त से सूर्योदय तक है, अगर सुबह जल्दी स्नान नहीं कर पाए हैं तो सुबह 11 बजे से पहले भी स्नान करने का शुभ समय है. आज के दिन स्नान के बाद दान करने का बहुत पुण्य मिलता है इसलिए आज स्नान के बाद दान जरूर करें.

राहु-केतु की शांति के लिए उपाय

मौनी अमावस्या के दिन शिवजी के मंदिर जाएं. शिव जी को एक रुद्राक्ष की माला अर्पित करें. धूप जलाकर शिवजी के मंत्र का उसी माला से 108 बार जाप करें. मंत्र होगा- “रूपं देहि, यशो देहि , भोगं देहि च शंकर। भुक्ति मुक्ति फलं देहि, गृहीत्वार्घ्यम नमोस्तुते।।”. इसके बाद इस माला को या तो अपने पास रखें या गले में धारण कर लें.

अलग अलग उद्देश्यों के लिए क्या दान करें?

गौ दान- मुक्ति मोक्ष के लिए भूमि दान- आर्थिक समृद्धि के लिए काले तिलों का दान- ग्रह नक्षत्र बाधा से मुक्ति के लिए स्वर्ण दान- रोग और कर्ज मुक्ति के लिए पात्र सहित घी का दान- पारिवारिक जीवन की खुशहाली के लिए नमक का दान-  किसी भी प्रकार की बाधा से मुक्ति के लिए चांदी का दान- वंश वृद्धि और संतान की उन्नति के लिए

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