ABC NEWS: होली का पर्व लोग उत्साह से मनाते हैं. इस पर्व का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है. लेकिन, होली से आठ दिन पहले होलाष्टक भी शुरू हो जाता है. होलाष्टक को अशुभ माना गया है. इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है. इस बार होलिका दहन 24 मार्च रविवार की रात्रि में होगा. ऐसे में होलाष्टक 17 मार्च से शुरू हो जाएगा. इस अवधि के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन, कुछ कार्य ऐसे हैं, जिन्हें करने से आपको शुभ फल जरूर मिलेंगे.
इसलिए माना जाता है होलाष्टक
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. रवि शुक्ला ने Local 18 को बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान था कि वह अग्नि में नहीं जलेगी. ऐसे में उसने हरि भक्त प्रहलाद को मारने की साजिश रची. बुआ होने के नाते उसने भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में बिठा लिया और अग्नि पर बैठ गई. श्री हरि के आशीर्वाद से अग्नि प्रहलाद को जला नहीं सकी, लेकिन होलिका भस्म हो गई. यह सारी घटना उन्हीं 8 दिनों में हुई, जिन्हें होलाष्टक के नाम से जाना जाता है. यही वजह है कि होलाष्टक के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.
होलाष्टक 2024 प्रारंभ और समापन
हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 16 मार्च को रात्रि 9 बजकर 39 मिनट से होगी और इसका समापन 17 मार्च को सुबह 9 बजकर 53 मिनट पर होगा. ऐसे में होलाष्टक 17 मार्च से लगेगा और 24 मार्च को समाप्त होगा. इसके बाद 25 मार्च को होली मनाई जाएगी. होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है.
होलाष्टक में क्या न करें
– होलाष्टक के समय में कोई भी नया कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए.
– बहू या बेटी की बिदाई नहीं करते हैं. होलाष्टक के बाद ही कार्यक्रम करना चाहिए.
– होली से पूर्व की 8 तिथियों में शादी का रिश्ता पक्का नहीं करते हैं, सगाई जैसे कार्यक्रम नहीं होते हैं.
– होलाष्टक में गृह प्रवेश, मुंडन या कोई भी शुभ संस्कार नहीं करते हैं.
– होली के पहले आठ दिनों में विवाह संबंधी कार्य तो पूर्ण रूप से वर्जित माने गए हैं.
होलाष्टक के दौरान करें ये काम
– मान्यता है कि होलाष्टक में दान जैसा शुभ कार्य किया जा सकता है, जिससे सभी कष्ट दूर हो सकते हैं.
– होलाष्टक में पूजा पाठ और जप-तप का महत्व है, इसलिए आठ दिनों में भगवान विष्णु और कुल देवी-देवताओं की पूजा करें. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति रहती है.
– होलाष्टक में रोजाना भगवान शिव की पूजा करें. महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए. मान्यता है कि इससे हर तरह की आपत्ति टल जाती है.