क्या हल्द्वानी में बनेगा नया शाहीनबाग, क्यों अतिक्रमण बचाने की जंग में ‘मजहबी रंग’

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ABC NEWS: उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बसी वनभूलपुरा बस्ती को खाली कराने के मामले में आक्रोश के बीच अनशन और अपील का दौर शुरू हो गया है. हाईकोर्ट के आदेश पर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने की कोशिश के बीच यहां बड़ी संख्या में महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं. आशियाने बचाने के लिए लोग सड़कों पर बैठकर दुआ मांग रहे हैं तो कविता और गीतों के जरिए आंदोलन का माहौल तैयार किया जा रहा है. वहीं, सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है. कुछ लोग इन्हें अतिक्रमणकारी बताकर सरकार से सख्ती की मांग कर रहे हैं तो कुछ लोग रहम की अपील करते दिख रहे हैं. वहीं, कुछ लोगों इसे नया शाहीनबाग बता रहे हैं.

दरअसल, सीएए-एनआरसी कानून से मुसलमानों की नागरिकता छिन जाने जैसे भ्रम को लेकर राजधानी दिल्ली के शाहीनबाग में महीनों तक महिलाएं धरने पर बैठी रहीं. शाहीनबाग की तरह हल्द्वानी में भी महिलाओं को प्रदर्शन में आगे रखा गया है. कुछ उसी तरह सामूहिक नमाज, धार्मिक गीतों और भाषणों ने कुछ लोगों को यह कहने का मौका दे दिया है कि हल्द्वानी में नया शाहीनबाग बनने जा रहा है. सोशल मीडिया पर भी शाहीनबाग को लेकर खूब चर्चा हो रही है. अजेंडेबाजों ने इसे अपने-अपने तरीके और सुविधा के मुताबिक पेश करना शुरू कर दिया है. कुछ लोग इसे मुसलमानों के खिलाफ भाजपा सरकार के ऐक्शन के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं तो कुछ लोग विक्टिम कार्ड बताते हुए हर हाल में हाईकोर्ट के आदेश को पालन कराने की मांग कर रहे हैं.

क्या है बनभूलपुरा का सीन

बनभूलपुरा में अलग-अलग जगहों पर हजारों लोग बैठ गए है. आजादपुरा इलाके में एक मंच भी बनाया गया है। मंच पर वक्ता आकर भाषण दे रहे हैं तो लोगों में भरोसा जगाया जा रहा है कि ऊपर वाला उनके आशियाने को बचाने का रास्ता साफ करेगा. नजरें सुप्रीम कोर्ट पर भी टिकी हैं. करीब एक दर्जन जगहों पर लोग सामूहिक रूप से धरने पर बैठे हैं और किसी भी सूरत में घर खाली करने को तैयार नहीं हैं. इन लोगों का कहना है कि सरकार पहले उन्हें इसके बदल जगह और मकान बनाकर दे.

90 फीसदी मुस्लिम आबादी

दरअसल, रेलवे स्टेशन के पास और पटरी के बेहद नजदीक तक फैली बस्ती में करीब 4400 परिवार हैं. यहां की करीब 50 हजार आबादी में 90 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं. कुछ लोगों को दावा है कि वह बाप-दादा के जमाने से ही यहां रह रहे हैं. उनके पुश्तैनी घरों को अब सरकार अचानक खाली करने को कह रही है.

सियासत भी तेज

हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की मुहिम के खिलाफ सिसायत भी तेज हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्वी सीएम हरीश रावत जहां उपवास पर बैठ गए तो सपा से लेकर बसपा तक ने भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाकपा माले, ट्रेड यूनियन ऐक्टू, आंबेडकर मिशन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल, भीम आर्मी, मूल निवासी संघ, शिल्पकार वेलफेयर सोसायटी, प्रगतिशील महिला एकता मंच, छात्र संगठन आइसा, पछास से जुड़े लोगों ने बुद्ध पार्क में धरना दिया.

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