ABC NEWS: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के मामले में हिन्दू पक्ष की बड़ी जीत हुई है. शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे की हरी झंडी दे दी है. अब एएसआई तय करेगा कि किस तरीके से बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए इसका सर्वे किया जा सकता है. एक दिन पहले गुरुवार को ही एएसआई ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपी थी. इसमें बताया गया था कि बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए पांच तरीकों से इसका साइंटिफिक सर्वे किया जा सकता है.
मामले में हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि यह हमारी लड़ाई की जीत है. एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कई तकनीक हैं, जिसमें बिना पार्टिकल लिए किसी भी चीज की पूरी प्रकृति का पता लगाया जा सकता है. इसके बाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रिजेक्ट कर दिया है. अब शिवलिंग की जांच हो सकेगी.
हाईकोर्ट ने एएसआई को कहा है कि आप 22 मई को जिला जज के सामने पेश और उन्हें सर्वे के बारे में बताएंगे. विष्णु जैन ने कहा कि पहले कहा गया था कि साइंटिफिक सर्वे नहीं हो सकता. उसे अब रिजेक्ट कर दिया गया है. सर्वे से शिवलिंग के बारे में सभी जानकारी मिल जाएगी. शिवलिंग की आयु के साथ ही लंबाई चौड़ाई सभी की जानकारी मिल सकेगी.
गौरतलब है कि पिछले साल ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की कोर्ट ने परिसर के सर्वे का आदेश दिया था. कोर्ट से नियुक्त कमिश्रर के सर्वे के दौरान वजू खाने में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी. हिंदू पक्ष ने इसे ही असली शिवलिंग और भगवान विश्वेश्वर बताया जबकि मुस्लिम पक्ष ने इस फव्वारा बताया था. शिवलिंग जैसी आकृति होने के कारण इस इलाके को सील कर दिया गया था. वजूखाना भी बंद कर दिया गया है.