काल सर्प से भी ज्यादा खतरनाक है चांडाल दोष, पहचानें लक्षण, करें 5 सरल उपाय

News

ABC NEWS: ज्योतिष शास्त्र में सभी नौ ग्रहों का अपना विशेष महत्व बताया गया है. इन नवग्रहों में देव गुरु बृहस्पति का महत्वपूर्ण स्थान है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि किसी भी जातक को कार्यों में मिल रही सफलता या असफलता के पीछे बृहस्पति ग्रह का विशेष योगदान होता है. परंतु गुरु ग्रह से कई ऐसे योगों का निर्माण होता है जो मनुष्य के लिए अशुभ और परेशानियों से भरा होता है. नकारात्मक दोषों की श्रेणी में हमने अब तक बात की कालसर्प दोष के बारे में, परंतु आज के इस आर्टिकल में हम काल सर्प दोष से भी खतरनाक माने जाने वाले गुरु चांडाल दोष के बारे में जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से. ये कैसे बनता है, इसके लक्षण क्या है और इस से कैसे छुटकारा पाएं.

कैसे बनता है गुरु चांडाल दोष?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु चांडाल दोष को बेहद अनिष्टकारी योग माना जाता है. जब किसी जातक की कुंडली में बुद्धि के देवता गुरु और पाप ग्रह कहे जाने वाले राहु की युति होती है तब गुरु चांडाल दोष का निर्माण होता है. गुरु चांडाल दोष का मनुष्य के जीवन पर बेहद नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है.

गुरु चांडाल दोष के लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में गुरु चांडाल दोष निर्मित होता है उन्हें अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ऐसे जातकों को अक्सर चारित्रिक लांछन का दंश झेलना पड़ता है. जिसकी वजह से जातक को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है.
जिनकी कुंडली में गुरु चांडाल दोष होता है उन्हें भूमि या भवन, परिवार और मित्र का सुख प्राप्त नहीं होता.
इस दोष के चलते बुद्धिमान छात्र भी पढ़ाई के दौरान अनेक समस्याओं का सामना करते हैं.
इसके अलावा जो लोग नौकरी करते हैं उन्हें भी कार्यस्थल पर बहुत सारी परेशानियां झेलना पड़ती है.
गुरु चांडाल दोष की वजह से पिता और पुत्र के बीच अक्सर तनाव पूर्ण माहौल बना रहता है.
गुरु चांडाल दोष की वजह से जातक को अक्सर आर्थिक तंगी बनी रहती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु चांडाल दोष का अधिक नकारात्मक प्रभाव कन्या, कुंभ, वृषभ, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों पर देखने को मिलता है.

गुरु चांडाल दोष के उपाय
1.गुरु चांडाल दोष के निवारण के लिए ज्योतिषी की सलाह पर रुद्राक्ष अथवा पीला पुखराज धारण करना लाभकारी माना जाता है.
2.गुरु चांडाल दोष के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय सूर्य देव की उपासना करना और उन्हें अर्घ्य देना माना जाता है.
3.जिन जातकों की कुंडली में गुरु चांडाल दोष है उन्हें अपने माथे पर पीले चंदन से तिलक लगाना चाहिए. साथ में हल्दी की माला भी धारण करना चाहिए.
4.इस दोष के निवारण के लिए भगवान शिव की उपासना सर्वोत्तम मानी गई है. के साथ ही भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ भी लाभकारी माना जाता है.
5.अपने गुरु और माता-पिता की सेवा करने से गुरु चांडाल दोष का प्रभाव कम हो सकता है.

खबरों से जुड़े लेटेस्ट अपडेट लगातार हासिल करने के लिए आप हमें  Facebook, Twitter, Instagram पर भी ज्वॉइन कर सकते हैं … Facebook-ABC News 24 x 7 , Twitter- Abcnews.media Instagramwww.abcnews.media

You can watch us on :  SITI-85,  DEN-157,  DIGIWAY-157


For more news you can login- www.abcnews.media