ABC NEWS: उत्तर प्रदेश में जून में बिजली खपत का रिकॉर्ड टूट गया है. बिजली की डिमांड 26,672 मेगावाट के स्तर तक पहुंच गई है.इससे पावर कॉरपोरेशन ने सभी निगमों को अलर्ट किया है. एक तरफ प्रदेश के कई इलाकों में तापमान 44 डिग्री के पार है. बढ़ती गर्मी के बीच बिजली की मांग 27531 मेगावाट तक पहुंच सकती है. यही वजह है कि UPPCL 28 हजार मेगावाट का लक्ष्य लेकर तैयारी में जुटा है. पिछले साल जून में 26,589 मेगावाट खपत पहुंच गई थी.
कई जगह अघोषित बिजली कटौती
प्रदेश के कई जिलों में बिजली संकट सामने आया है.शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र में भले ही निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल रही है, लेकिन ग्रामीण इलाकों की हालत काफी ज्यादा खराब है. तहसील व गांवों में बिजली को लेकर हालात में सुधार नहीं हो रहा. शनिवार रात निगोही के कटैया फीडर से 10 घंटे तक बिजली गुल रही. वहीं मीरानपुर कटरा और तिलहर में कटौती से लोग परेशान हैं.
रायबरेली के डलमऊ नगर पंचायत में शनिवार को 11 बजे बिजली गुल हो गई. इससे लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ा.दोपहर बाद तीन बजे बिजली तो आई, उसके बाद आवाजाही लगी रही. बिजली संकट की हालत ये है कि राजधानी के फैजुल्लागंज के अंतर्गत आने वाले प्रीती नगर और मिल्लत नगर के कई इलाकों में देर रात बिजली चली गई, जो रविवार दोपहर आई.करीब आठ से नौ घंटे तक बिजली न आने की वजह से स्थानीय लोगों की नींद में खलल पड़ा. भीषण गर्मी के मौसम में बिजली की अघोषित कटौती ने लोगों को परेशान कर दिया है. बिजली कटौती की वजह से लोगों के रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं. बढ़ते लोड की वजह से फाल्ट और ट्रांसफार्मर फुंकने की संख्या में इजाफा हो गया है.
बिजली उत्पादन बढ़ाने की कवायद
राज्य के लोगों को बिजली संकट से न जूझना पड़े इसके लिए राज्य में बिजली का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में बड़े कदम उठाए जाने की जरुरत है. योगी सरकार की कोशिश है कि इसी वर्ष दिसंबर तक 2640 मेगावाट बिजली का उत्पादन बढ़ जाए. इसके लिए ओबरा, जवाहरपुर और पनकी तापीय परियोजनाओं के कार्य को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.