ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) पहाड़ी इलाकों में बारिश और हरिद्वार व नरौरा से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण कानपुर के बिठूर के कटरी क्षेत्र में तटवर्ती गांवों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बैराज से शुक्लागंज के बीच के गांवों की ओर भी पानी तेज से बढ़ रहा है. गंगा के तटवर्ती क्षेत्र बनिया पुरवा, दुर्गा पुरवा, गिल्ली पुरवा, भगवादीन पुरवा, लछिमन पुरवा और मक्का पुरवा में पानी घुस गया है. इससे ग्रामीण अपना गृहस्थी का सामान बाहर निकालकर बैराज मार्ग पर आशियाना बना रहे हैं. 31 परिवारों के मवेशी भी सड़क पर बंधे हैं। चारा की दिक्कत है, क्योंकि भूसा खत्म हो गया है. लकड़ी भीगने से परिवारों में खान-पान का संकट भी बढ़ जाएगा.
बैराज मार्ग पर नहीं बनाई बाढ़ चौकी
ग्रामीणों की व्यवस्था के लिए प्रशासन ने बैराज मार्ग पर अभी तक कोई बाढ़ चौकी नहीं बनाई है. यहां पॉलिथीन या तिरपाल की व्यवस्था नहीं है. पानी की व्यवस्था के लिए टैंकर भी अभी नहीं आया है. रात में बिजली या चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं है.
लेखपाल प्रतीक शुक्ला ने बताया, गंगा बैराज के पास प्राथमिक स्कूल में बाढ़ राहत केंद्र बनाया गया है. वहां 42 लोगों की व्यवस्था की जा रही है। बैराज मार्ग वाले परिवारों को भी राहत शिविर में पहुंचाया जाएगा.
बैराज मार्ग पर बना रहे आशियाना
गंगा बैराज मार्ग पर तेज रफ्तार में वाहन दौड़ते हैं. इससे मार्ग के दोनों तरफ विस्थापित परिवार के बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को खतरा है. अगर इन लोगों को कहीं और शिफ्ट नहीं किया गया तो दिक्कत तय है.
गांव में रुके हैं कुछ परिवार, छत पर बनाया चूल्हा
बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव चैनपुरवा, भोपाल का पुरवा, धारमखेड़ा, बनियापुरवा हैं। इन गावों में मकान का 50 प्रतिशत हिस्सा डूब गया है. यहां पर रहना खतरे से खाली नहीं है, लेकिन इसके बावजूद कुछ परिवार गांव में ही रुके हुए हैं. उनका कहना है कि घर छोड़ देंगे तो रखवाली कौन करेगा। इन लोगों ने खाना पकाने के लिए छत पर चूल्हा बना दिया है.
अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है
गंगा बैराज में तैनात गेज रीडर उत्तम पाल ने बताया कि अभी जलस्तर कम होने की उम्मीद नहीं है. पानी और बढ़ेगा. स्थिति धीरे-धीरे भयावह होती जा रही है. अगर इसी रफ्तार से पीछे से पानी छोड़ा जाता रहा तो और गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे.
गांव-गांव जाकर आपदा प्रबंधन ने अपील की
आपदा प्रबंधन की टीम ने गांव-गांव जाकर अपील की है कि अगर किसी को कोई खतरा महसूस होता है तो वह हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर सकते हैं. ग्रामीण राहत शिविर जा सकते हैं. वहां पर रहने और खाने की समुचित व्यवस्था की गई है.
कानपुर में डीएम विशाख जी के निरीक्षण के बाद व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का काम तेज किया गया है. लगातार प्रशासनिक अधिकारी स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं.
कानपुर में बाढ़ से प्रभावित हैं ये इलाके -कोहना चौकी के पूरब की ओर चैनपुरवा, धारमखेड़ा, दिगनीपुरवा, पहाड़ीपुर, छोटा मंगलपुर। -बैराज से सिंहपुर की ओर भोपाल का पुरवा, बनियापुरवा, बंगला, पुराना ढल्लापुरवा, गिल्ली का पुरवा, दुर्गा का पुरवा, भारत पुरवा और भगवानदीनपुरवा. जाजमऊ से उन्नाव की ओर के गांव, छब्बूपुरवा, गुट्टीपुरवा, निहालखेड़ा, नई बस्ती, नया पीपरखेड़ा, पुराना पीपरखेड़ा, दीनकनगर, बदुवाखेड़ा, जुराखनखेड़ा.