ABC NEWS: 25 अक्टूबर से देश के सबसे बड़े शिक्षण संस्थानों IIT और NSI में तेंदुआ दहशत का पर्याय बना हुआ है लेकिन वन विभाग तेंदुआ पकड़ने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है. जबकि तेंदुआ लगातार देखा जा रहा है. वन विभाग के पास कोई सटीक प्लानिंग न होने से लगातार नाकामी ही हासिल हो रही है.
हाइड आउट में सामने से निकल गया
डीएफओ श्रद्धा यादव ने बताया कि आईआईटी कैंपस में बनाए गए हाइड आउट में रात करीब 2 बजे तेंदुआ बेहद तेजी से निकला. टीम ट्रैंकुलाइजर गन भी नहीं चला पाई. फिलहाल टीम को अब तेंदुए के लगातार आईआईटी से राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (NSI) के बीच आने जाने का पता चला है. उसे ट्रैस किया जा रहा है.
3 बार हुआ आमना-सामना
तेंदुआ पकड़ने के लिए बनाई गई टीमों को तेंदुए से 3 बार आमना-सामना हुआ है. 2 बार तेंदुआ आईआईटी और एक बार NSI कैंपस में आमना-सामना हुआ. लेकिन तीनों बार टीम को नाकामी ही हाथ लगी है. वहीं पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजड़े में एक बार भी तेंदुआ नहीं घुसा.
पीछा करने से बार-बार बदल रहा था रास्ता
डीएफओ ने बताया कि शुरू में तेंदुए का जितना पीछा किया गया, उसने उतनी बार अपना रास्ता और रुकने का स्थान बदल लिया. यही वजह है कि अब उसका पीछा करने के बजाय एक जगह छुपकर उसे पकड़ने की रणनीति पर काम किया जा रहा है. बताया कि पिछले 3 दिन में वह पांच बार निर्धारित रूट पर ही आना जाना कर रहा है.
वन विभाग की 5 बड़ी गलतियां
-कितने तेंदुए हैं, विभाग इसकी पुष्टि तक नहीं कर पाया है.
-तेंदुए के रूट को ट्रेस करने में विभाग ने बहुत देरी की.
-पिंजड़े को सही लोकेशन में नहीं लगाया, एक बार तेंदुआ पिंजड़ों के पास तक से नहीं गुजरा.
-टीमों द्वारा घने जंगलों में कॉम्बिंग नहीं की जा रही.
-टीमों द्वारा शोर मचाकर कॉम्बिंग की जा रही, आहट पाते ही तेंदुआ भाग निकलता है.