MP के सतपुड़ा भवन में आग हादसा या साजिश? 12 हजार सरकारी फाइलें खाक, सियासी लपटें तेज

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ABC NEWS:  मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित विभिन्न सरकारी विभागों के दफ्तर वाले सतपुड़ा भवन में आग लगने के साथ ही प्रदेश का सियासी पारा भी चढ़ गया है. सेना, सीआईएसएफ और दमकल कर्मियों ने करीब 14 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है. इस घटना ने राज्य में राजनीतिक माहौल भी गर्म कर दिया है. विपक्षी कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी है. बता दें कि, छह मंजिला इमारत में लगी इस भीषण आग में चार मंजिलों का करीब 80 फीसदी हिस्सा चल गया है. इस आग में करीब 12 हजार फाइलें जलने की बात कही जा रही है. बता दें कि सतपुड़ा भवन में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले दिसंबर 2018 में भी सतपुड़ा भवन में आग लग गई थी.

कोरोना की राशि के भुगतान संबंधी दस्तावेज खाक 

सतपुड़ा भवन की 6 मंजिलों में जनजातीय कार्य, स्वास्थ्य, वन, मुख्यमंत्री मॉनिटरिंग प्रकरण, जन शिकायत, नेशनल इन्फॉर्मेशन सिस्टम जैसे विभाग संचालित होते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग से भवन की 4 मंजिलों में कर्मचारियों के सर्विस रिकॉर्ड, शिकायती दस्तावेज, बजट लेखा जोखा से दस्तावेज जलकर राख हो गए हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभााग की शिकायत शाखा में दर्ज शिकायतों की फाइलें और कोरोनाकाल में अस्पतालों को किए गए भुगतान संबंधी दस्तावेज भी जल गए हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आग के प्रारंभिक कारणों का पता लगाने के लिए एक कमेटी बनाई है. इस कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) गृह राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव (पीएस) शहरी नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव (पीएस) पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) सुखबीर सिंह और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) फायर शामिल हैं. जांच के प्रारंभिक कारणों का पता लगाने के बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री चौहान को सौंपेगी.

इस बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ”शिवराज के दफ्तर की आग बता रही है, बीजेपी सरकार मध्यप्रदेश से जा रही है.”

टेंडर और भर्ती से जुड़े कागज नहीं जले  

राज्य सरकार की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि सतपुड़ा भवन में आग के फैलाव से संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना, नर्सिंग, शिकायत, लेखा और आयोग शाखा एवं विधानसभा प्रश्न से संबंधित दस्तावेजों को नुकसान पहुंचा है. सतपुड़ा भवन के द्वितीय तल पर संचालित हॉस्पिटल प्रशासन शाखा अग्नि-दुर्घटना से अप्रभावित रही है. अस्पतालों के लिये दवा, उपकरण, फर्नीचर, खरीदी संबंधी फाइलें दूसरे तल पर होने से आग से प्रभावित नहीं हुई हैं. वास्तविक नुकसान का आकलन आग बुझने के बाद किया जाना संभव हो सकेगा.

अधिकांश काम ऑनलाइन हो चुका: सरकार  
सतपुड़ा भवन की जिन 3, 4, 5 और 6वीं मंजिल में आग लगी. वहां जनजातीय कल्याण, परिवहन और स्वास्थ्य विभाग के स्थापना संबंधी विभागीय कार्य होते हैं. किसी भी विभाग का टेण्डर और प्रोक्योरमेंट संबंधी कोई भी कार्य नहीं होता है. आग से जनजातीय क्षेत्रीय विकास कार्यालय की नस्तियां और उपकरण आदि नष्ट हो गये हैं. इस कार्यालय का अधिकांश कार्य ऑनलाइन होता है, इसलिए कोई भी कार्य प्रभावित नहीं होगा. कार्यालय में अति महत्वपूर्ण दस्तावेज संधारित नहीं होते थे. ये दस्तावेज शासन में रहते हैं. स्थापना के दस्तावेज आयुक्त कार्यालय में रहते हैं, जिसका विंग अलग है.

कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने ट्विटर पर लिखा, “यह हमारा स्वास्थ्य निदेशालय है. यह प्रदेश की राजधानी भोपाल के सतपुड़ा भवन से संचालित होता है। आज इसमें फिर आग लग गई.”

उन्होंने आगे लिखा, ”मुख्यमंत्री चौहान, मेरा सीधा सवाल है कि आग लगी है या लगाई गई है? क्योंकि आमतौर पर माना जाता है कि चुनाव के पहले सबूत मिटाने के लिए सरकार ऐसी ‘हरकत’ करती है! हार रही बीजेपी अब यह भी बताए कि पुराने ‘अग्निकांड’ में दोषी कौन थे? किसे/कितनी सजा मिली?”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ”एक तरफ मध्य प्रदेश में प्रियंका गांधी जी का शंखनाद, वहीं दूसरी तरफ शिवराज के मंत्रालय के पास आग, सरकार की विदाई के पहले भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने का सिलसिला हुआ शुरू.”

उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष (पीसीसी) अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट किया, ”आज जब प्रियंका गांधी ने जबलपुर में संबोधित करते हुए घोटालों को लेकर हमला बोला, तो सतपुड़ा भवन में भीषण आग लग गई, जिसमें महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गईं.” उन्होंने ट्वीटर पर आगे लिखा, ”क्या आग के बहाने घोटालों के दस्तावेजों को जलाने की साजिश है?

बता दें कि, सतपुड़ भवन की तीसरी मंजिल पर संचालित आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय में सोमवार शाम को करीब चार बजे आग लग गई थी. आग लगने का कारण एसी में शार्ट सर्किट बताया जा रहा है, हालांकि घटना की जांच की जाएगी. आग फैलते ही विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ. आग पूरी तरह बुझने के बाद ही आग से हुए वास्तविक नुकसान का आकलन किया जा सकेगा.

मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने सोमवार रात कहा था कि ऑपरेशन जारी है और मुख्यमंत्री खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. सारंग ने कहा, “आग बुझाने के लिए अभियान चल रहा है. जहां भी संसाधन उपलब्ध हैं, हम उनका पूरा उपयोग कर रहे हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान मौके पर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. यहां का सारा प्रशासन आग पर काबू पाने में लगा हुआ है. हमें उम्मीद है कि जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा.”

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुए कहा कि घटना की जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. प्रशासन आग बुझाने में लगा हुआ है. सीएम ने पीएम से भी बात की और सभी प्रयास किए जा रहे हैं। घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी.”

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