महिला PCS अफसर ने नायब तहसीलदार पर रेप की कोशिश का केस दर्ज करवाया, CM योगी से लगाई गुहार

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ABC NEWS: बस्ती में महिला पीसीएस अफसर से रेप की कोशिश के मामले में एक हफ्ते बाद भी आरोपी नायब तहसीलदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इससे परेशान महिला पीसीएस अफसर ने सीएम योगी से गुहार लगाई है. महिला अफसर ने वीडियो जारी कर आरोपी अफसर के साथ ही जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करने को लेकर संगीन आरोप लगाए हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इसे लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. महिला का वीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी पीड़ित महिला अफसर के साथ खड़ी है.

सीएम योगी से गुहार लगाते हुए महिला अफसर वीडियो में कह रही हैं कि मेरे सहकर्मी नायब तहसीलदार ने मेरे घर में घुसकर मेरा रेप करने और हत्या का प्रयास किया. तहरीर देने के 24 घंटे बाद किसी तरह से एफआईआऱ दर्ज की गई. बहुत मुश्किल से ही केस दर्ज किया गया है. मजिस्ट्रेट के सामने मेरा बयान भी हो गया है. इसके  बाद भी आरोपी धनश्याम शुक्ला को गिरफ्तार नहीं किया गया है. इस पूरे मामले में पुलिस और प्रशासनिक अफसर मामले की लीपापोती करने में लगे हैं. ऐसे में सीएम योगी से निवेदन है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे प्रकरण का संज्ञान लें और आरोपी को गिरफ्तार कराएं और उचित कार्रवाई करें.

क्या है पूरा मामला
बस्ती में  तैनात महिला नायब तहसीलदार ने अपने सहकर्मी नायब तहसीलदार पर घर में घुसकर रेप और हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया है. महिला अफसर की तरफ से दी गई तहरीर के मुताबिक नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला छोटी दीपावली की रात एक बजे उनके  सरकारी आवास का पिछला दरवाजा तोड़कर अंदर घुस आया. उनसे जबरदस्ती करने की कोशिश की. महिला अफसर ने विरोध किया तो उनके साथ मारपीट और  गालीगलौज की.  उनके कपड़े फाड़ दिए। उन्हें कई जगहों पर दांत भी काटा. विरोध पर उसने पीड़िता का गला दबाकर मारने का भी प्रयास किया. महिला अफसर ने किसी तरह खुद को बचाया और घर के अंदर छिप गई.

नायब तहसीलदार घनश्याम रात ढाई बजे तक महिला अफसर के आवास के आसपास मंडराता रहा. घटना के बाद खौफजदा अधिकारी तीन दिनों तक आवास से बाहर नहीं निकलीं. चौथे दिन परिवार के लोगों को घटना की जानकारी देने के साथ गुरुवार को पुलिस को तहरीर दी गई. शुक्रवार को उनकी तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. महिला अधिकारी गोरखपुर की जबकि आरोपी नायब तहसीलदार महराजगंज जिले का रहने वाला है.

रात में मेडिकोलीगल, हाथों में चोट के निशान
शिकायत मिलने के बाद गुरुवार रात में ही पुलिस ने जिला अस्पताल में पीड़ित महिला अधिकारी का मेडिकोलीगल कराया. मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के दोनों हाथों में चोट के निशान की पुष्टि हुई है.

तीन महिला अधिकारियों की जांच कमेटी गठित
डीएम अंद्रा वामसी ने विशाखा कमीशन की संस्तुतियों के अनुसार तीन महिला अधिकारियों की जांच कमेटी गठित कर दी है. कमेटी में दो ईओ और एक डीपीओ शामिल हैं. इनकी रिपोर्ट के आधार पर प्रशासनिक कार्रवाई की संस्तुति दी जाएगी. पीड़िता ने डीएम को प्रार्थना-पत्र देकर अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी थी.

अखिलेश का योगी सरकार पर निशाना
अखिलेश यादव ने महिला अफसर का वीडियो पोस्ट करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि उप्र में जब एक पीसीएस महिला अधिकारी वीडियो के ज़रिये एक दूसरे अधिकारी के द्वारा उसके घर में घुसकर उसकी अस्मिता व जीवन के लिए ख़तरा बनने की बात कह रही हो लेकिन उसकी FIR तक लिखने में कई दिन लग गये हों तो भाजपा सरकार बताए कि ‘नारी शक्ति वंदन’ के ढोंग का नाटक वो क्यों कर रही है.

ये एक बेहद गंभीर मामला है क्योंकि आम जनता के लिए प्रशासनिक अधिकारी ही सरकार का चेहरा होते हैं अगर वो अधिकारी ख़ुद ही असुरक्षित और पीड़ित होंगे तो जनता सरकार में रहा-सहा विश्वास भी खो देगी. समाजवादी पार्टी समस्त निष्ठावान अधिकारियों के समर्थन में खड़ी होकर, शीघ्र दंडात्मक-निर्णायक  कार्रवाई की माँग करती है.

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