ABC NEWS: हांगझोऊ एशियन गेम्स 2023 में 35 किमी की मिश्रित रिले रेस वॉक में कांस्य पदक जीतकर रामबाबू ने लोगों को दिल भी जीत लिया. उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला स्थित मधुपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने अपना पेट पालने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी यानी मनरेगा में मजदूरी तक की. मगर हार नहीं मानी और कामयाबी की इबारत लिख डाली. मधुपुर के भैरवगांधी गांव में रहने वाले रामबाबू के माता-पिता छोटेलाल भी खुद एक मजदूर हैं. उनका परिवार आज भी एक खरपैल में रहता है.
सबसे खास बात तो यह है कि विदेश में खेल रहे बेटे के मेडल जीतने की जानकारी पिता को घास काटने के दौरान लगी. पशुओं के लिए साइकिल पर चारा लेकर घर लौटे छोटेलाल को गांववालों ने बताया कि उनका बेटा एशियन गेम्स Bronze medal यानी कांस्य पदक जीत गया है. इस खुशखबरी के बाद रामबाबू के पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
He is Ram Baboo, who once worked as MGNREGS labour and waiter. Today he won bronze medal in #AsianGames in the 35km race walk mixed team. Talk about determination and grit. pic.twitter.com/HFB6s8AUZj
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) October 4, 2023
बचपन संघर्ष से भरा उधर, हांगझोऊ में कांस्य पदक जीतने पर राम बाबू ने बताया, “मेरा बचपन संघर्ष से भरा था. मैं बहुत पिछड़े इलाके से आता हूं. यह मेरी मां का सपना था. आज हम चाहे कैसे भी जी रहे हों, हमारे बेटे को अच्छी जिंदगी मिलनी चाहिए. यह मेरे, मेरे परिवार और मेरे गांव के लिए गर्व की बात है कि मैंने एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता.”
PM मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भैरवगांधी गांव के लाल रामबाबू को कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी है. PM ने सोशल मीडिया प्लेटफॅर्म ‘X’ पर लिखा, ”35 किमी रेस वॉक मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक के साथ भारत को गौरवान्वित करने के लिए राम बाबू और मंजू रानी को बधाई. यह सफलता इन अद्भुत एथलीटों द्वारा दिखाए गए जबरदस्त धैर्य और दृढ़ संकल्प के बिना संभव नहीं थी.”
सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले भारतीय वन सेना (IFS) अफसर प्रवीण कासवान ने एक वीडियो शेयर कर लिखा, ”यह राम बाबू हैं, जो कभी मनरेगा मजदूर और वेटर के रूप में काम करते थे. आज उन्होंने एशियन गेम्स में 35 किमी रेस वॉक मिक्स्ड टीम में कांस्य पदक जीता.