ABC NEWS: ( भूपेंद्र तिवारी ) कानपुर में महापौर चुनाव लगता है कांटे की लड़ाई वाला चुनाव बन चुका है अगर ऐसा नहीं तो सपा विधायक प्रतियाशी पत्नी वंदना वाजपेयी को जनसम्पर्क के दौरान अपनी पार्टी का गमछा डालने की बजाय भगवा गमछा क्यों डालना पड़ा. यही उनके विधायक पति भी भगवा गमछा डाले दिखे। सियासी नाटक में इतना ही नहीं निवर्तमान महापौर प्रमिला पांडे का बेटा अनुराग पांडेय उन अपराधियों संग फोटो खिचाते दिखा जो कानपुर हिंसा का आरोपी (निजाम कुरैशी ) है. इस पर मीडिया सवाल दागेगा इसलिए ये सब सफाई देने के बजाये कन्नी काटते दिखाई दिए.
कानपुर हिंसा के आरोपी करा रहे BJP प्रत्याशी का प्रचार
कानपुर हिंसा का आरोपी निजाम कुरैशी (चश्मा लगाए हुए) के साथ BJP मेयर प्रत्याशी प्रमिला पांडेय का बेटा अनुराग पांडेय.
कानपुर से मेयर के लिए दोबारा दावेदारी ठोंकने वाली बीजेपी कैंडीडेट प्रमिला पांडेय गुरुवार को मुस्लिम इलाके में चुनाव प्रचार के लिए निकली थीं. इस दौरान इनका बेटा व यूपी बार काउंसिल का मेंबर अनुराग पांडेय कानपुर हिंसा के आरोपियों के साथ चुनाव प्रचार करते नजर आया. एक-दो नहीं कई अपराधी भाजपा का चुनाव प्रचार कराते मुस्लिम इलाके में नजर आए. जेल से छूटने के बाद अब ये अपराधी खुद को खड़ा करने के लिए बीजेपी की नेतागीरी में जुट गए हैं.
भगवा दुपट्टे में सपा प्रत्याशी, लाल टोपी व समाजवादी गमछा गायब
सपा विधायक अमिताभ बाजपेई और सपा से मेयर कैंडीडेट वंदना बाजपेई भगवा गमछा डालकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं.
आपको जानकार हैरत होगी कि इस बार सपा मेयर प्रत्याशी वंदना बाजपेई व उनके पति विधायक अमिताभ बाजपेई समाजवादी की जगह भगवा व पीला दुपट्टा लेकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं. सपा प्रत्याशी की इसके पीछे गणित मानी जा रही है कि सपा को मुस्लिम, यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग का वोट तो मिलना ही है, लेकिन सवर्णों का वोट व हिन्दूवादी विचारधारा का वोट पाने के लिए वंदना और अमिताभ बाजपेई गले में पीला व भगवा दुपट्टा डालकर अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इस बार समाजवादी गमछा और लाल टोपी गायब है. सिर्फ मेयर कैंडीडेट ही नहीं सपा के अन्य पार्षद प्रत्याशी भी इसी तरह से भगवा व पीला दुपट्टा डालकर चुनाव प्रचार में डटे हैं.
कांग्रेस नेता नरेश चंद्र त्रिपाठी का हाथ किसके साथ को लेकर चर्चा
कानपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी पुराने कांग्रेसी हैं. उनकी कानपुर कचहरी से लेकर राजनीति में अच्छी धाक है लेकिन निकाय चुनाव में नरेश चंद्र त्रिपाठी ने सिर्फ कांग्रेस से मेयर प्रत्याशी विकास आशनी अवस्थी का ही चुनाव प्रचार कचहरी में नहीं कराया. बल्कि कांग्रेस कैंडीडेट के बाद भाजपा प्रत्याशी प्रमिला पांडेय और सपा प्रत्याशी वंदना बाजपेई का भी चुनाव प्रचार कराते कचहरी में नजर आए. इसके चलते कचहरी में चर्चा है कि अध्यक्ष जी आखिर चुनाव किसको लड़ा रहे हैं.
प्रमिला पांडेय ने नाराजगी दूर करने को लिया आशीर्वाद
बीजेपी से सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह भी मेयर के लिए टिकट मांग रही थीं. संघ की ओर से नीतू के नाम पर ही मुहर लगी थी, लेकिन दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं पर प्रमिला पांडेय की गुणा-गणित भारी पड़ गई. इसके बाद बीजेपी ने दोबारा उन्हें मेयर प्रत्याशी घोषित कर दिया. इस बात को लेकर सांसद सत्यदेव पचौरी ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी भी जताई थी. इसके बाद अब सांसद जी को मैनेज करने के लिए प्रमिला पांडेय ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. टिकट मिलने के अगले दिन ही उनके घर जाकर आशीर्वाद लिया. सांसद जहां भी मिल जाते हैं, उनका अशीर्वाद जरूर लेती हैं.