ABC News: भारत सरकार यातायात को और भी सुगम और किफायती बनाने के लिए हर तरीके से प्रयास कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार सौर ऊर्जा से चलने वाले इलेक्ट्रिक हाईवे विकसित करने पर काम कर रही है, जिससे भारी शुल्क वाले ट्रकों और बसों को चार्ज करने में आसानी होगी.
इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, गडकरी ने दोहराया कि सरकार बिजली पर भारत की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली विकसित करना चाहती है. उन्होंने कहा कि सरकार विद्युत गतिशीलता के लिए सौर और पवन ऊर्जा आधारित चार्जिंग तंत्र को दृढ़ता से प्रोत्साहित कर रही है. उन्होंने कहा, ‘हम इलेक्ट्रिक हाईवे विकसित करने पर भी काम कर रहे हैं, जो सौर ऊर्जा से संचालित होंगे और इससे चलते समय भारी शुल्क वाले ट्रकों और बसों को चार्ज करने में सुविधा होगी.’ एक इलेक्ट्रिक हाईवे आम तौर पर एक सड़क को संदर्भित करता है जो उस पर यात्रा करने वाले वाहनों को बिजली की आपूर्ति करता है, जिसमें ओवरहेड पावर लाइन भी शामिल है. गडकरी ने कहा कि सरकार टोल प्लाजा को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क मंत्रालय ने प्रमुख गलियारों में मार्ग अनुकूलन अभ्यास किया है. इस बात पर जोर देते हुए कि एक अच्छी तरह से विकसित बुनियादी ढांचा आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाता है, नए व्यवसाय बनाता है और रोजगार सृजन को बढ़ावा देता है.
गडकरी ने कहा, ‘हम 26 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रहे हैं.’ पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के शुभारंभ के साथ, उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को तेजी से मंजूरी मिलेगी और इससे रसद लागत में कमी आएगी. जिनको पता न हो इलेक्ट्रिक हाइवे क्या होता है, उनको बता दें इलेक्ट्रिक हाइवे वो हाइवे होता है, जिसपर चलते समय ईवी यूजर्स को सभी जरूरी सुविधा दी जाती है. इन सुविधाओं में ईवी चार्जिंग प्वाइंट, ब्रेक डाउन बैकअप फैसिलिटी, आदि सुविधा शामिल है. NHEV ने 9 सितंबर से दिल्ली से जयपुर ई-हाइवे के लिए दूसरे और अंतिम फ़ेस के ट्रायल रन को शुरू किया है, जिसमें 278 km पर इलेक्ट्रिक बस और कार को महीने भर के लिए लगे चार्जर और तकनीक के साथ ट्रायल किया जाएगा. नेशनल हाइवे फ़ॉर इलेक्ट्रिकल व्हीकल (NHEV) पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 500 km के देश के पहले अंतर-राज्यीय इलेक्ट्रिक हाइवे का 210 km का पहला चरण दिल्ली से आगरा तक 2020-2021 में पूरा किया गया था जिसके ट्रायल रन की शुरुआत भी दिल्ली के इंडिया गेट से हुई थी.