ABC NEWS: बुधवार का दिन गणेश पूजा का होता है. इसके अलावा संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. गणेश जी की पूजा के विशेष नियम हैं, उनका पालन आवश्यक है. गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए मोदक, सिंदूर और दूर्वा जरूर अर्पित करते हैं ताकि गणपति बप्पा संकटों को दूर करके मनोकामनाएं पूरी करें. लेकिन गणेश पूजा में कुछ वस्तुओं को अर्पित करना वर्जित है. उन वस्तुओं को चढ़ाने से विघ्नहर्ता गणेश जी नाराज हो सकते हैं. इससे आपका व्रत और पूजा भी निष्फल हो सकता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि गणेश पूजा में किन वस्तुओं को नहीं चढ़ाना चाहिए?
तुलसी है वर्जित: शिव जी की तरह ही भगवान गणेश की पूजा में भी तुलसी वर्जित है. गणपति के भोग या प्रसाद में तुलसी के पत्ते नहीं डालते हैं क्योंकि भगवान गणेश ने तुलसी को श्राप दिया था और अपनी पूजा में स्वीकार न करने की बात कही थी.
टूटे हुए अक्षत्: अक्षत् का अर्थ है जिसकी क्षति न हुई हो या जो अक्षय हो. गणेश जी की पूजा में टूटे हुए अक्षत् का उपयोग न करें. हमेशा उन चावल का उपयोग करें, जो टूटे न हों, पूर्ण हों.
मुरझाए फूल और माला: गणेश जी की पूजा में मुरझाए फूल और माला का उपयोग वर्जित है. इनका उपयोग करने से दोष लगता है. पूजा स्थान पर इनको रखने से वास्तु दोष भी पैदा होता है, इसलिए आपने देखा होगा कि पूजा घर या मंदिर से एक समय के बाद फूलों और मालाओं को हटा दिया जाता है.
चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं न चढ़ाएं: कहा जाता है कि एक बार चंद्रमा ने गणेश जी का उपहास कर दिया था तो उन्होंने नाराज होकर चंद्रमा को श्राप दिया कि उसका सौंदर्य खत्म हो जाएगा. इस वजह से गणेश पूजा में सफेद चंदन, सफेद वस्त्र, सफेद जनेऊ आदि अर्पित नहीं करते हैं.
सफेद या केतकी के फूल: गणेश जी की पूजा करते समय सफेद या केतकी के फूल का भी उपयोग नहीं किया जाता है. शिव पूजा में भी केतकी फूल वर्जित है. गणेश जी को गेंदे का फूल, लाल फूल अर्पित कर सकते हैं.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी