सोमवती अमावस्या पर भक्त लगा रहे पवित्र डुबकी, हरिद्वार-चित्रकूट में हर-हर गंगे की गूंज

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ABC NEWS: आज सावन मास का दूसरा सोमवार है और सोमवती अमावस्या का संयोग भी  है. सभी श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं. अलग-अलग जगह पर  भक्त गंगा स्नान कर रहे हैं. धर्म शास्त्रों में सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. यूपी हो या उत्तराखंड सभी भक्त गंगा स्नान करने के लिए भारी संख्या में उमड़े हैं.

हरिद्वार में सोमवती अमावस्या स्नान
हरिद्वार में आज सोमवती अमावस्या के स्नान पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपने पितरों के निमित्त पूजा अर्चना की. सोमवती अमावस्या के साथ साथ आज सावन का दूसरा सोमवार भी हैं,जिस कारण यह स्नान और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया.  पंजाब,राजस्थान,उतर भारत के तमाम राज्यों से श्रद्धालू मां गंगा में स्नान के लिए पहुंचे.  पुलिस की व्यवस्था भी चाक चौबंद है.

बम-बम के जयकारों से गूंज उठा श्री लोधेश्वर महादेवा धाम
यूपी के बाराबंकी में श्री लोधेश्वर महादेवा धाम बम-बम के जयकारों से गूंज उठा है. श्रद्धालु दूर-दूर से पैदल चलकर लोधेश्वर महादेवा धाम में पहुंच रहे हैं. लोधेश्वर महादेवा धाम में सावन के दूसरे सोमवार पर भारी संख्या में भक्तों ने पहुंचकर जलाभिषेक किया. प्रशासन की चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. कोने-कोने पर सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन से मेले की निगरानी की जा रही है.

आठ लाख श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में डुबकी लगाई

चित्रकूट में आठ लाख श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में डुबकी लगाई. भगवान मतगणना स्वामी का जलाभिषेक कर भगवान कामतानाथ की परिक्रमा की. इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से भक्तों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की गई. इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए लोग घरों की छतों पर खड़े रहे.

श्रद्धालुओं ने भी प्रशासन की इस व्यवस्था को सराहा. पूरा मेला क्षेत्र तीर्थ यात्रियों से खचाखच भरा रहा. इसके चलते कई स्थानों पर जाम लग गया। जाम हटाने के लिए पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी. मेला क्षेत्र को पूरी तरह से वनवे किया गया है. इसके बावजूद कई जगह जाम लगा. डीएम अभिषेक आनंद और एसपी वृंदा शुक्ला लगातार मेला क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं.

फर्रुखाबाद-सावन के दूसरे सोमवार को भगवान शिव की मंदिरों में धूम
पौराणिक इतिहास के अनुसार फर्रुखाबाद को आध्यात्मिक जिला अभी कहा जाता है और इसे छोटी काशी भी कहा जाता है यानी अपरा काशी भी फर्रुखाबाद को कहा जाता है. यहां काशी के बाद सबसे ज्यादा शिवालय हैं. यहां हर गली मोहल्लों में आपको शिव मंदिर देखने को मिल जायेगा. उसमें से प्रमुख शिव मंदिर पण्डाबाग (पाण्डेश्वर नाथ मंदिर) मंदिर है जिसे फर्रुखाबाद के लोग इसी नाम से जानते है जो कि फर्रुखाबाद के रेलवे रोड पर स्थित पांडेश्वर नाथ मंदिर है. फर्रुखाबाद के लोगों में पण्डाबाग मंदिर के नाम से मशहूर है जैसा कि कहा जाता है इस मंदिर की स्थापना अज्ञातवास के समय पांडवों ने की थी. उस समय पाण्डवों ने पतित पावनी भागीरथी के तट पर स्थित अपराकाशी यानि फर्रुखाबाद की ऐतिहासिक नगरी में निवास किया था. निवास के दौरान पांडव प्रतिदिन भागीरथी के (गंगा ) स्नान करने जाते थे लेकिन अपने आराध्य को पूजने के लिए कोई मंदिर नहीं था. उसके बाद पांडवो ने इस मंदिर की स्थापना की जो आगे चलकर पण्डाबाग मंदिर के नाम से फर्रुखाबाद जिले समेत आसपास के जिलों में मशहूर हुआ. पांडवों द्वारा जिस घाट का इस्तेमाल स्नान के लिए जाता उसे घटिया घाट कहा जाता था.

अब घटियाघाट को पांचालघाट कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पांडेश्वर नाथ मंदिर अति प्राचीन मंदिर है. मंदिर प्रांगण में ही बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए जो कहीं आ जा नहीं सकते है ऐसे शिव भक्तों के लिए शिव मंदिर के पीछे प्रांगण में बारह ज्योतिर्लिंगों की स्थापना कर एक भव्य शिव मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग मंदिर की स्थपना की गयी है. जिसमें एक साथ बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये जा सकते है.

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