ABC NEWS: (भूपेंद्र तिवारी ) कानपुर में हाई ग्रेड फीवर, डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप चरम पर है. अस्पतालों में पूरे दिन मरीजों की लंबी कतार लग रही है. ऐसे हालात में मरीजों को इलाज भी मुश्किल से मिल पा रहा है. यह स्थिति शहर के 70 वार्डों में देखी जा रही है. बड़ी दिक्कत तो यह है कि इस हाई ग्रेड फीवर में रूमेटाइड गठिया जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं. मरीजों का प्लेटलेट्स डाउन जा रहा है. दूसरी ओर राजकीय अस्पताल में ना तो मरीजों को भर्ती करने के पर्याप्त बेड हैं और ना ही दवा है.
ऐसे हालात में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शहर में इस बीमारी के प्रकोप को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरने की कोशिश की है. स्वास्थ्य व्यवस्था में खामियों को आड़े हाथ लेते हुए सपा की कानपुर नगर ईकाई ने आरोप लगाया कि दूषित पेयजल की सप्लाई की वजह से लोग टाइफाइड-पीलिया आदि की चपेट में आ रहे हैं. अस्पतालों में दवा व ग्लूकोज तक खत्म हो चुका है. शहर में गन्दगी व कूड़े का अंबार लगा है. इससे संचारी रोग को प्रश्रय मिल रहा रहा है.
इस बीमारी के प्रकोप के चलते सुबह होते ही अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लंबी कतार लग जा रही है. कई बार तो काउंटर बंद होने तक भी सभी मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता. यह स्थिति कानपुर के हाईलाइट अस्पताल, कुर्सला अस्पताल व काशीराम सरकारी अस्पताल की है. जहां दूर-दूर से मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन यहां की व्यवस्था से दुखी हैं. उनका कहना है कि यहां पर सरकारी सेवाओं के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है.
कानपुर में संचारी रोग के नोडल अधिकारी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर बीपी प्रियदर्शी बताते हैं की मेडिसिन के वार्डन और फीवर वार्ड के अलावा रोगियों को मेटरनिटी विंग, कॉविड विंग में भी भर्ती किया जारहा है. डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण वाले रोगी शरीर दर्द, जोड़ों के दर्द की शिकायत लेकर आ रहे हैं. लेकिन रिपोर्ट उनकी निगेटिव आ रही है. फिजिशियन डॉक्टर विशाल गुप्ता का कहना है कि उन्होंने खुद अब तक 45 से ज्यादा डेंगू मरीजों को चिन्हित किया है. कानपुर के सीएमओ डॉक्टर आलोक रंजन के मुताबिक डेंगू संक्रमित रोगियों में अलग ही लक्षण दिख रहे हैं.