ABC NEWS: भारतीय सीमा में लगातार घुसपैठ की फिराक में रहने वाला चाइना ने इंडिया में साइबर फ्रॉड का बड़ा नेटवर्क फैला रखा है. कानपुर क्राइम ब्रांच ने तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है. ये तीनों चाइना में बैठे साइबर ठग के लिए काम करते थे. इसके बाद यहां से रकम बिटकॉइन में कनवर्ट करके चाइना भेजते हैं. तीन युवक अब तक 30 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं. पुलिस अब चीन में बैठे ठग गैंग का सरगना तक पहुंचने और इनका नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए काम कर रही है.
कानपुर के कारोबारी से चीन गैंग ने किया था साइबर फ्रॉड
पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके साइबर फ्रॉड का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 12 जून को इंपोरियम इस्टेट सिविल लाइंस निवासी फैजउर रहमान ने एक कंपनी के झांसे में आकर 30 अप्रैल को शेयर ट्रेडिंग का काम शुरू किया था. जिसके लिए www.idex-online.com वेबसाइट पर पैसा इंवेस्ट करना शुरू किया. झांसा देने के लिए शुरूआत में वेबसाइट पर अच्छा पैसा रिटर्न किया. विश्वास जमने पर फैजउर ने 30 मई को 11 लाख रुपए इनवेटमेंट किया तो वेबसाइट ही क्रैश हो गई.
इसके बाद उन्होंने मामले की एफआईआर कोतवाली थाने में दर्ज कराई. इसके बाद मामले की जांच के लिए क्राइमब्रांच को मामला ट्रांसफर किया गया था. जांच के बाद क्राइमब्रांच ने ठग कंपनी से जुड़े अलग-अलग जगह के तीन शातिरों को गिरफ्तार कर लिया.
शातिर तीन तरह से करते हैं ठगी
ठगी का पहला तरीका: चाइना में बैठे मास्टर माइंड भारतीय नागरिकों को ठगने के लिये तीन तरह के पैतरे इस्तेमाल कर रहे हैं. पहला पैतरा यह कि लोगों को कमोडिटी एक्सचेंज और क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर इंवेस्ट करने के लिये फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से लिंक भेजते हैं. इसके बाद जब वेबसाइट पर एक साथ करोड़ों रुपए लगता है तो शातिर वेबसाइट क्रैश करके पूरी रकम हड़प लेते हैं.
ठगी का दूसरा तरीका: दूसरे पैतरे में शातिर लोगों को गेम खिलाने के नाम पर लिंक भेजते हैं और उसकी सारी जानकारी जुटाने के बाद अच्छी खासी रकम ठगने के बाद वेबसाइट को क्रैश कर देते हैं, तब तक लिंक पर क्लिक करने वाला अच्छा खासा नुकसान उठा चुका होता है.
ठगी का तीसरा तरीका: तीसरे पैतरे में शातिर लोन दिलाने या लाटरी के नाम पर लोगों को वेबसाइट के माध्यम से लिंक भेजते हैं और कम कागजी औपचारिकता देख लोग जल्द ही झांसे में आ जाते हैं और अपनी गाढ़ी कमाई इन शातिरों को सौंप बैठते हैं.
नौकरी का झांसा देकर ठग गैंग में कराया शामिल
पुलिस कमिश्ननर ने बताया कि शातिरों ने लाखों के पैकेज या मोटा मुनाफे का झांसा देकर लोगों को नौकरी का झांसा देते हैं. इसके बाद कंपनी ज्वाइन करने वाले युवकों को कंपनी के उच्च पदों पर बैठाकर चीन में बैठे-बैठे भारत में ठगी का जाल फैलाते हैं. गिरफ्तार किए गए तीनों शातिर भी नौकरी की तलाश में चीन की ठग कंपनी के संपर्क में आए और लाखों की कमाई देखकर साइबर ठगी में शामिल हो गए.
ठगी के शिकार फैजउर रहमान खुलासा होने पर अपने पिता के साथ पुलिस लाइन पहुंचे.
कानपुर सेंट्रल से तीनों शातिर हुए गिरफ्तार
18 जुलाई को मिली सफलता के बाद क्राइम ब्रांच ने जब जांच आगे बढ़ाई तो चाइनीज शातिरों की हरकत के बारे में पता चला. यह निकलकर आया कि चाइना में बैठे शातिर भारतीयों को आगे करके वेबसाइट के माध्यम से ठगी का धंधा कर रहे हैं.
शुक्रवार को पकड़े गये अभियुक्त कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर मिलने के लिये आए थे. वहां से तीनों को एटीएम और करंट खातों का प्रबंध करना था और आगे की प्लानिंग बनानी थी.
पकड़े गए अभियुक्तों की पहचान
- यश यादव पुत्र महेश यादव निवासी वार्ड नंबर 6 शिव कालोनी हेली मंडी गुड़गांव हरियाणा
- श्रवण यादव पुत्र उदयभान निवासी 131 भवानीगंज जनपद सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश
- अनुपम द्विवेदी पुत्र प्रेमचंद्र द्विवेदी निवासी अतरा रोड नेतानगर नगर आंशिक निकट पावर हाउस बबेरू देहात थाना बबेरू जिला बांदा उत्तर प्रदेश के रूप में हुई। मैसेज फारवडिग एप का भी हो रहा था इस्तेमाल
चीन में बैठे साइबर ठग ने सबको दे रखी थी अलग-अलग जिम्मेदारी
क्राइम ब्रांच चाइनीज मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी है. यश और श्रवण के नाम पर कई फर्जी कंपनी बनी हैं। श्रवण के खाते में पैसा आता था और वह उसे यूएस डालर में बदलकर चाइनीज हैंडलर के बताए गए खातों में ट्रांसफर करता था.
यश खाते और एटीएम का इंतजाम करता था. अनुपम ओटीपी और ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान के कोरियर का काम करता था. अनुपम ने अपने छह से सात रिश्तेदारों को कंपनी का डायरेक्टर बना रखा था.
मैसेज फॉरवर्डिंग एप से होता है खेल
ठगी के इस पूरे धंधे में मैसेज फारवडिग एप का इस्तेमाल हो रहा था. एप के माध्यम से बैंकों द्वारा जो भी लेनदेन के संबंध में मैसेज होते थे उन्हें इस एप के माध्यम से चाइनीज हैंडलरों को भेजा जा रहा था.
कुछ माह पहले यूपी एटीएस ने पांच चाइनीज अभियुक्तों को पकड़ा था जिनके पास से काफी संख्या में सिम बरामद हुए थे. क्राइम ब्रांच की टीम अब उन अभियुक्तों और उस केस से जुड़े तथ्यों को भी तलाशने की जुगत में हैं ताकि अन्य सदस्यों को भी पकड़ा जा सके.
गिरफ्तार करने वाली टीम में इंस्पेक्टर सचिद्दानंद कोतवाली, सब इंस्पेक्टर पुनीत तोमर क्राइम ब्रांच, कांस्टेबल जितेंद्र गर्ग क्राइम ब्रांच, कांस्टेबल धमेंद्र प्रताप क्राइम ब्रांच, कांस्टेबल मोहित चौधरी क्राइम ब्रांच, कांस्टेबल प्रवीन कुमार शामिल रहे.