ABC NEWS: (भूपेंद्र तिवारी) महिला पार्षद पति और दवा व्यापारी के बीच रोड रेज के बाद हुई मारपीट के गंभीर प्रकरण पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को महापौर प्रमिला पांडेय ने भाजपा पार्षदों की बैठक प्रमिला सभागार में बुलाई जिसमे केवल एक महिला पार्षद परमपुरवा की विद्यादेवी ही सौम्या शुक्ला के पक्ष में पहुंचीं जबकि नगर निगम में भाजपा की करीब 17 महिला पार्षद हैं। यही नहीं भाजपा के कुल 65 पार्षद हैं, जबकि बैठक में करीब आधे पार्षद ही पहुंचे। इसको लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं कि इस मामले में पार्षद भी एकमत नहीं हैं.
सूत्रों की मानें तो बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि भाजपा से जुड़े लोग भी इस मामले को अंदरखाने हवा दे रहे हैं. इसमें उन लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है. बता दें कि इस मामले में सिख समाज एकजुट होकर विरोध में खड़ा हो गया है.
इसमें कुछ भाजपा नेता अंदरखाने सिख समाज की तरफ से पैरवी कर रहे हैं. बैठक में ये भी तय किया गया कि भाजपा से पद लेकर बीच का रास्ता निकालने के बजाय एक पक्ष के साथ खड़े हो गए हैं.
नवीन पंडित, नेता सदन व वरिष्ठ पार्षद ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में सीबीआई जांच होनी चाहिए. शहर में माहौल खराब नहीं होना चाहिए. इसमें कुछ लोग माहौल खराब कर रहे हैं. इस प्रकरण में जो भी दोषी होना चाहिए, उसकी जांच होनी चाहिए जबकि उपसभापति व पार्षद संतोष शाहू ने कहा कि दोनों ही पक्षों में कोई पुरानी दुश्मनी नहीं है. किसी भी प्रकार का कोई झगड़ा नहीं है। बातचीत करके इसको निपटाया जाएगा. पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए. एक भी पक्षा को अनसुना नहीं करना चाहिए.