ABC NEWS: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी, जौहर ट्रस्ट और रामपुर पब्लिक स्कूल को नियम विरुद्ध ब्याज का भुगतान करने के मामले में जिला सहकारी बैंक के सचिव और उप महाप्रबंधक फंस गए हैं. जांच के बाद शासन ने दोनों ही अफसरों को निलंबित कर दिया है. साथ ही दोनों अफसरों को लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है. जिला सहकारी बैंक की जौहर यूनिवर्सिटी शाखा ने जौहर यूनिवर्सिटी और जौहर ट्रस्ट के नाम से संचालित खातों को बचत खाता मानते हुए जुलाई 2022 में यूनिवर्सिटी को 17.58 लाख और ट्रस्ट को 2.18 लाख रुपये ब्याज का भुगतान कर दिया.
जबकि जिला सहकारी बैंक की ही डिग्री कॉलेज शाखा ने रामपुर पब्लिक स्कूल के नाम से संचालित खाते को बचत खाता मानते हुए 3.67 लाख रुपये ब्याज का भुगतान कर दिया. तीनों खातों का संचालन मोहम्मद आजम खां के द्वारा किया जा रहा है. नियम के अनुसार जिला सहकारी बैंक तीनों ही संस्थाओं के खातों को बचत खाता नहीं मान सकती है और न ही ब्याज का भुगतान कर सकती है जबकि, बैंक में अन्य संस्थाओं जैसे सरस्वती शिशु मंदिर, सरस्वती विद्या मंदिर, आर्य समाज, जिला पंचायत आदि संस्थाओं के खाते भी जिला सहकारी बैंक में हैं, लेकिन उन्हें ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है.
शहर विधायक आकाश सक्सेना की जानकारी में यह मामला आया तो उन्होंने अपर मुख्य सचिव से शिकायत कर जांच कराने की मांग की. इस मामले में जांच के आदेश हुए, लेकिन बैंक अफसरों के ढुलमुल रवैये से जांच को घुमा दिया गया और गलत जांच रिपोर्ट भेज दी. इसमें भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों का भी हवाला दिया गया है.
यह जानकारी मिलते ही शहर विधायक ने फिर से मुख्यमंत्री से शिकायत की. इसके बाद जांच कमेटी गठित हुई. कमेटी की जांच में ब्याज का भुगतान नियमों के विरुद्ध पाया गया. ऐसे में शासन ने जिला सहकारी बैंक रामपुर के सचिव उपेंद्र कुमार सारस्वत, जिला सहकारी बैंक रामपुर के उपमहाप्रबंधक शकील अहमद को निलंबित कर दिया है. दोनों ही अधिकारियों को मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है.