ABC News: विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद से हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कांग्रेस में घमासान जारी है. शुक्रवार को शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री तय करने की जिम्मेदारी कांग्रेस हाईकमान को सौंप दी गई. सभी विधायकों ने एक पक्ति का प्रस्ताव पास किया.
अब खबर है कि कांग्रेस हाईकमान ने इस विवाद को खत्म करने का रास्ता निकाल लिया है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राजीव शुक्ला और भूपेश बघेल से चर्चा करने के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी हरी झंडी भी दे दी है. आइए जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश में कैसी हो सकती है नई कैबिनेट? कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी हाईकमान सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुकेश अग्निहोत्री, राजेंद्र राणा में से किसी एक को मुख्यमंत्री बना सकती है. प्रतिभा सिंह की जगह उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को कैबिनेट में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. हाईकमान को कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने विवाद खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ एक उप-मुख्यमंत्री बनाने की भी सलाह दी है. अगर हाईकमान इसपर सहमति दे देता है तो प्रतिभा सिंह की जगह किसी दूसरे को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, जबकि विक्रमादित्य सिंह को उप-मुख्यमंत्री या गृहमंत्री की जिम्मेदारी दी जा सकती है.
पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता ने बताया कि प्रतिभा सिंह को अगर मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो किसी एक सीट पर फिर से उप-चुनाव कराना पड़ेंगा. इस बार हुए चुनाव में पार्टी ने जीत जरूर हासिल कर ली है, लेकिन ज्यादा मार्जिन से नहीं. ऐसे में प्रतिभा सिंह को सीएम बनाने के बाद दो उप-चुनाव कराने पड़ेंगे. पहला विधानसभा और दूसरा मंडी लोकसभा का. ये एक तरह का रिस्क होगा. कांग्रेस नेता आगे कहते हैं, इस बार विधानसभा चुनाव में शिमला, हमीरपुर और कांगड़ा लोकसभा क्षेत्रों में पड़ने वाली सीटों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया. वह भी तब जब ये इन तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है. वहीं, मंडी लोकसभा जहां से प्रतिभा सिंह खुद सांसद हैं, वहां कांग्रेस को 17 में से 12 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है. ये एक बड़ा फैक्टर है. इसलिए तुरंत उप-चुनाव कराना खतरे से खाली नहीं है.