ABC NEWS: हिमाचल प्रदेश में सत्ता में वापसी होने से उत्साहित कांग्रेस अब यूपी के आसन्न निकाय चुनाव में वही प्रयोग दोहराने की रणनीति बनाने में जुटी है. प्रदेश में प्रांतीय अध्यक्षों की अगुवाई में अलग-अलग क्षेत्रों में भारत जोड़ो यात्रा का मकसद भी निकाय चुनाव में पार्टी के लिए जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश करना है.
यूपी के संगठनात्मक ढांचे में प्रभावी दखल रखने वाली ‘टीम’ हिमाचल प्रदेश में पार्टी को मिली सफलता का सारा श्रेय प्रियंका गांधी वाड्रा के खाते में डाल रही है. ऐसे में अब उसके सामने यूपी के निकाय चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन बेहतर बनाने की चुनौती है. इसे पिछले विधानसभा चुनाव में मिली असफलता से उबरने का अच्छा अवसर माना जा रहा है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस प्रदर्शन का सीधा असर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा.
प्रदेश प्रभारी के तौर पर यूपी में सक्रिय पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ पर्दे के पीछे काम करने वाली टीम के सामने भी खुद की उपयोगिता साबित करने की चुनौती है. नगर निकाय चुनाव का प्लेटफार्म बड़ा होने की वजह से पार्टी के सामने अवसर भी ज्यादा हैं. प्रदेश के 17 नगर निगमों को लेकर कुल 762 नगरीय निकायों में चुनाव होना है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता विरोधी लहर पैदा करने में सफलता मिली, जिसका सीधा फायदा मिला. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने खुद चुनाव की कमान संभाली और लगातार रैलियां करके इस लहर को बनाए रखने में सफलता हासिल की. कांग्रेस ने बेरोजगारी व महंगाई जैसे मुद्दों को लगातार हवा दी. राज्य में सांप्रदायिक मुद्दों की पैठ न होने से भी कांग्रेस को भी फायदा मिला. यूपी में स्थितियां थोड़ी अलग हैं। बावजूद इसके पार्टी उसी रणनीति पर चलेगी और खुद को भाजपा के सबसे बेहतर विकल्प के तौर पर पेश करेगी.