जन्माष्टमी पर तारीख को लेकर असमंजस हुआ खत्म, मथुरा और वृंदावन में इस दिन मनाई जाएगी

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ABC NEWS: श्री कृष्ण जन्माष्टमी की दो तारीखों को लेकर चल रही असमंजस अब खत्म हो गई है. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थल और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में एक ही दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी. जन्माष्टमी को लेकर श्रद्धालुओं का अभी से पहुंचना शुरू हो गया है. जन्माष्टमी के मद्देनजर मथुरा और वृंदावन के होटल के कमरे भी फुल हो गए हैं. जन्माष्टमी के मौके पर कृष्ण जन्मस्थान से लेकर वृंदावन तक के मंदिरों को सजाया गया है. बता दें कि योगीराज भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तिथि को लेकर इस बार असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. हालांकि, श्रीकृष्ण जन्मस्थान के अनुसार ही ब्रजवासी जन्माष्टमी का त्यौहार मनाते रहे हैं. यहां जन्माष्टमी 7 सितंबर को है। वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख द्वारिकाधीश मंदिर में भी जन्माष्टमी इसी दिन मनाई जा रही है. वहीं ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भी 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी.

छह और सात तारीख को लेकर थी गफलत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि यानि 12 बजे रात को मथुरा में हुआ था. इसे लेकर तैयारियां चल रही हैं. ज्योतिषाचार्य पं. लक्ष्मण प्रसाद शर्मा के अनुसार इस साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से हो रही है. इसका समापन अगले दिन 7 सितंबर की शाम 04 बजकर 14 मिनट पर होगा. शास्त्रों के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. हालांकि इस बार जन्माष्टमी सात सितंबर को मनाई जाएगी.

ज्योतिषाचार्य पं. अजय तैलंग के अनुसार इस बार समस्त वल्लभकुल सम्प्रदाय एवं अन्य मंदिरों में भी धूमधाम से जन्माष्टमी का त्यौहार 7 सितम्बर को मनाया जाएगा. भाद्रपद कृष्ण जन्माष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03.37 भाद्र पद अष्टमी शुरु हो रही है, जो 7 सितंबर को शाम 4.14 बजे तक है. पंचांग के अनुसार 7 सितंबर को वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे. साधू-संत और संन्यासियों में कृष्ण की पूजा का अलग विधान है. इस दिन दही हांडी उत्सव भी मनाया जाएगा.

बांके बिहारी मंदिर की तरफ से जारी हुई एडवाइजरी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है. यह एडवाइजरी बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन की ओर से जारी की गई है. मंदिर प्रबंधन में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए छोटे बच्चों, वृद्ध, दिव्यांग एवं मरीज को साथ में न लाने की अपील की है. साथ ही वृद्ध दर्शनार्थियों से निवेदन किया है कि जिनको भी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो, वह चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार दवाई लेकर ही दर्शन करने आएं. बता दें कि गत वर्ष जन्माष्टमी पर बांकेबिहारी में भीड़ के दबाव के चलते मंगला आरती के समय दो लोगों की मौत हो गई थी. इस बार मंदिर प्रबंधक मुनीष कुमार शर्मा की ओर से 7 और 8 सितंबर 2 दिन जन्माष्टमी एवं नंदोत्सव को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गई है. इसके अनुसार मंदिर में 7 सितंबर को मंदिर के पट सुबह 7:45 पर खुलेंगे, 7:55 पर शृंगार आरती और 11:55 पर राजभोग आरती होगी और 12 बजे  पट बंद कर दिए जाएंगे.

वहीं शाम 5:30 बजे पट खुलेंगे,  9:25 पर शयनभोग आरती होगी और 9:30 बजे पट बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद रात 12 बजे ठाकुरजी का अभिषेक होगा. अभिषेक पश्चात 8 सितंबर को मंदिर रात 1:45 बजे खुलेगा और 1: 55 पर मंगला आरती होगी और 2:00 बजे छींटा देकर पर्दा बंद कर दिया जाएगा. उसके बाद पुनः दर्शन 2 बजे से लेकर 5:30 तक होंगे. इसके बाद सुबह 7:45 पर भक्तों के लिए प्रतिदिन की भांति मंदिर दोबारा से खोला जाएगा. एडवाइजरी में बताया गया कि श्रद्धालु अपने साथ किसी प्रकार का कीमती सामान न लाएं. जूता-चप्पल पहनकर दर्शन के लिए न आएं. प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के अनुसार ही मंदिर के प्रवेश व निकास मार्गों का प्रयोग करने की अपील है.

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