ABC News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कोल्ड वॉर एक बार फिर से शुरू होती दिख रही है. कर्मचारी संगठनों के साथ CM गहलोत की बजट पूर्व हुई बातचीत का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पायलट का नाम लिए बिना गहलोत ने सियासी संकट और पायलट की तुलना कोरोना से कर दी.
बातचीत के दौरान संविदा कर्मचारियों के नेता शमशेर भालू खान ने CM के नहीं मिलने की बात कही तो गहलोत ने बात काटते हुए कहा- आप ठीक कह रहे हो, मैं मिलने लगा हूं, पिछले सोमवार को मिला था. क्या हुआ कि पहले कोरोना आ गया. फिर एक बड़ा कोरोना और आ गया हमारी पार्टी के अंदर. कभी उपचुनाव, कभी राज्यसभा चुनाव. राज्यसभा चुनाव में भी वोट कहीं पड़ रहा है हम कहीं हैं. बहुत खराब टाइम था. जो टाइम बीता है न, वह अलग तरह से बीता है. इसके बावजूद भी आपके सहयोग, आशीर्वाद, समर्थन और दुआओं से हम शानदार स्कीम लेकर आए हैं, उस कारण से सब बातें ढंक गई हैं. अगर हमारे बजट अच्छे नहीं होते तो आप और हम जिस माहौल में बात कर रहे हैं, वह नहीं कर पाते. गहलोत ने कर्मचारी नेताओं से कहा- चार साल में जो बर्बादी हुई है हमारी खुद की, जिस प्रकार से दिन खराब हुए हैं. मिलना नहीं, जुलना नहीं. कभी कोरोना से टाइम नहीं मिला. फिर मुझे तीन बार कोरोना हो गया. पोस्ट कोविड से फिर हार्ट का स्टेंट लग गया. मैं आप लोगों की शिकायत से सहमति रखता हूं. अब मैं मिलने लगा हूं. सोमवार को मिलता हूं और अगर जरूरी काम से बाहर चला गया तो आपको मिलने का समय बता दूंगा. पिछले तीन दिन से सचिन पायलट भी सभाओं में पेपर लीक को लेकर सरकार पर हमलावर हैं. पायलट ने बुधवार को झुंझुनूं के गुढ़ा में पेपर लीक में अफसर-नेताओं को CM की क्लीन चिट पर सवाल उठाए थे. पायलट ने कहा था- जब कोई नेता अफसर जिम्मेदार नहीं है तो तिजोरी से पेपर बाहर कैसे आ गया, यह तो जादूगरी हो गई, कोई तो जिम्मेदार होगा? इस बयान के कुछ देर बाद ही CM की प्री-बजट बैठक थी. इसमें गहलोत ने कर्मचारियों के सामने पार्टी के कोरोना का जिक्र कर दिया.