ABC NEWS: लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार यानि आज से नहाय खाय के साथ शुरू हो गया. शनिवार को खरना होगा. रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर घाटों पर पूजा होगी. सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होगा. वहीं पूजा का उल्लास चरम पर है. शहर में 14 बड़े घाट और तालाब सज गए हैं. हर तरफ रोशनी से जगमग हो उठे हैं.
6 दिन बाद शुरू होता है पर्व
दीपावाली के ठीक 6 दिन बाद से शुरू होने वाले महापर्व की तैयारी देर रात तक चलती रही. शहर के दक्षिण क्षेत्र के विजय नगर, पनकी, अरमापुर, गोविंद नगर, साकेत नगर, बर्रा, नौबस्ता, कल्याणपुर आदि मोहल्लों में पूर्वांचल के परिवारों की संख्या ज्यादा होने से चहल-पहल भी खूब रही. अरमापुर नहर में बेदी सजाने पहुंची सरस्वती के बेटे नारायण व नमन मदद करते मिले. नारायण बोले, यह बेदी साल पहले बनाई थी.
युवा तैयार करते हैं घाट
शास्त्री नगर स्थित पार्क में युवाओं द्वारा हर साल छठ पूजा के लिए कृत्रिम घाट तैयार करते हैं। इस बार भी युवाओं ने फावड़े से ही करीब 20 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा कृत्रिम तालाब तैयार किया है. कार्यक्रम संयोजक शिवेष सिंह ने बताया कि मोहल्ले और आसपास पड़ोस के लिए छठ पूजन के लिए कोई व्यवस्था नहीं हो पाती थी. ऐसे में सभी दोस्त मिलकर तालाब तैयार करते हैं. इसमें महिलाएं आराम से पूजन कर लेती हैं.
बेदी में किया जा रहा रंगरोगन
बेदी में रंगरोगन किया, सजे सूर्य मंदिर पनकी, अरमापुर नहर में काफी संख्या में परिवार बेदी का रंग-रोगन करते नजर आए. सफेद चूने से बेदी को रंग जय छठ माई, जय-जय भगवान भास्कर लिखते युवा नजर आए. कई बेदियों में परिवार के बच्चों के नाम भी लिखते लोग नजर आए. अरमापुर व पनकी नहर के लिए आकर्षण सूर्य मंदिर सजाए जा रहे हैं.
घाटों पर नाव से पहरा, बिजली के झालर से रोशन
घाट किनारे सफाई कर रहे संजय सिंह ने बताया कि नहर के घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से रस्सी व बांस बांधे जा रहे हैं. नहर के चारों बिजली की झालरों से अद्भुत छटा बिखरेगी. अभी से घाट जगमग करने लगे हैं. रात भर घाट में मां के गीत होंगे. भोजपुरी कलाकार भी आएंगे. नाव से पहरा भी रहेगा। गोलाघाट, सरसैया घाट, बर्रा स्थित सचान चौराहा, दबौली समेत दक्षिण क्षेत्र की नहर किनारे बेदी तैयार की जा रही हैं.
वहीं, विजयनगर, शास्त्री नगर सेंट्रल पार्क, लाजपतनगर, पाण्डुनगर समेत शहर के कई मोहल्लों में कृत्रिम घाट भी तैयार किए जा रहे हैं. खुदाई कर पानी के टैंकर से पानी भरकर कृत्रिम घाट तैयार किए जा रहे हैं.