ABC NEWS: इस बार राखी पर कारोबार के रिकॉर्ड टूट गए और अगर कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यूपी में लगभग 1800 करोड़ का कारोबार हुआ जो कोरोना काल के बाद का सबसे ज्यादा है.इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी कानपुर की ही है.
रक्षाबंधन के इस त्योहार में राखियां चीन से नहीं आईं, बल्कि पूरी तरह देश में तैयार राखियों की धूम रहीं। इससे जहां लोकल बाजार को बूम मिला, वहीं बिक्री के भी रिकॉर्ड टूट गए. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की कोरोना के बाद यह पहला साल है जिसमें बिना किसी बीमारी के डर से प्रदेश भर के बाजारों में बड़े पैमाने पर राखियां खरीदी गईं.
5 हजार करोड़ की बिकी मिठाईयां
कैट के मुताबिक उपहार देने के लिए मिठाई, गिफ्ट आइटम्स, कपडे़, FMCG के सामान आदि का कारोबार भी लगभग 5 हजार करोड़ रुपए का आंका गया है. राष्ट्रीय महामंत्री के मुताबिक वर्ष-2018 में 3 हजार करोड़ रुपए के राखी व्यापार से शुरू होकर केवल 6 वर्षों में यह आंकड़ा 12 हजार करोड़ रुपए को पार कर गया है.
वर्ष 2019 में राखियों का व्यापार 3500 करोड़, वर्ष 2020 में 5 हजार करोड़, 2021 में 6 हजार करोड़ और पिछले वर्ष यह व्यापार 7 हजार करोड़ का आंका गया था. वहीं इसमें से 7% व्यापार ही ऑनलाइन के जरिए हुआ.
पूरे दिन लगी रही मिठाईयों की दुकानों पर भीड़
कानपुर में पूरे दिन भाईयों के घर जाने से पहले मिठाईयों की दुकानों पर मिठाई खरीदते देखी गईं. कानपुर की लगभग सभी छोटी-बड़ी स्वीट शॉप पर मिठाई खरीदने वालों की भीड़ रही. वहीं शहरों में सुरक्षा को लेकर भी पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं. सभी प्रमुख चौराहों पर पुलिस तैनात रही.