जांबाज सिपाही ने छत्तीसगढ़ में ताकतवर मंत्री को चटा दी धूल, 17 हजार वोट से हराया चुनाव

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ABC NEWS: इसी साल साल 31 अगस्त को सीआरपीएफ से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने वाले कांस्टेबल राम कुमार टोप्पो की जीत की चर्चा छत्तीसगढ़ में खूब हो रही है. 31 साल के टोप्पो ने सीतापुर विधानसभा सीट से भूपेश बघेल सरकार के मंत्री को 17 हजार से अधिक वोट से हराया. एक सितंबर को भाजपा में शामिल हुए टोप्पो 2021 में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित हो चुके हैं. उन्होंने कांग्रेस विधायक अमरजीत भगत को हराया है.

इससे पहले इसी साल सीआरपीएफ में सेवारत टोप्पो को गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में पदक देकर सम्मानित किया था. पहली बार छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ ने इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया था और यह संदेश देने की कोशिश की थी कि प्रदेश में अब नक्सल समस्या नियंत्रण में है. केंद्रीय बल को राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों में लगाया गया है.

एचटी से फोन पर बात करते हुए टोप्पो ने कहा, ‘इस्तीफा वाले दिन तक मैं किसी पार्टी का सदस्य नहीं था. मैं पहली बार चुनाव लड़ा हूं. सीतापुर सीट पर 20 साल से कांग्रेस का कब्जा था. मेरे क्षेत्र के लोग जानते थे कि मैं सीआरपीएफ का हिस्सा था और समाजिक कामों में भी सक्रिय रहता था. उन्होंने मुझे मौका देने का फैसला किया और इसलिए मैं राजनीति में आ गया.’

टोप्पो ने कांग्रेस नेता भगत को 17160 वोट से हराया. अपने चुनावी शपथपत्र में उन्होंने अपनी पहचान पूर्व सैनिक राम कुमार टोप्पो बताई है. टोप्पो को 83088 वोट मिले। छत्तीसगढ़ सरकार में पर्यटन, संस्कृति, खाद्य और उपभोक्ता मंत्री भगत को 65928 वोट मिले. टोप्पो नागालैंड, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, करेल और दिल्ली में रहकर अपनी सेवा दे चुके हैं। वह 2018-21 तक श्रीनगर में सीआरपीएफ के कमांडो यूनिट में भी रहे.

टोप्पो उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2018 में निकाय चुनाव के दौरान 3 आतंकवादियों को ढेर कर दिया था. श्रीनगर में यह एनकाउंटर करीब 18 घंटे तक चला था. टोप्पो ने कहा, ‘मैं 2011 में टोप्पो में शामिल हुआ था. मैं 4 साल तक कमांडो यूनिट में रहा। इस दौरान मैं ऐसे कई मुठभेड़ में शामिल रहा जिनमें आतंकवादी मारे गए। मैं 2018 ऑपरेशन के बारे में बोल सकता हूं क्योंकि मुझे राष्ट्रपति से वीरता पदक मिला. अन्य गोपनीय अभियान थे और मैं इस पर बात नहीं कर सकता. इसके अलावा मैं आंतरिक सुरक्षा और चुनाव समेत जिम्मेदारियों के लिए तैनात रहा.’

अपनी जीत की वजहों पर बात करते हुए टोप्पो कहते हैं कि लोग जमीन और रेत माफिया से तंग आ चुके थे. टोप्पो कहते हैं, ‘यहां महिला सशक्तिकरण नहीं है. मैंने 13 साल तक वर्दी में देश की सेवा की. अब एक नई भूमिका में अपने लोगों की सेवा करनी है.’

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