ABC NEWS: ट्रैफिक से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय अपनाते नजर आते हैं लेकिन नाइजीरिया में लोग जो उपाय अपना रहे वह अपने आप में बेहद यूनीक है. इस उपाय से लोग ट्रैफिक से तो बच ही रहे हैं, साथ ही पर्यावरण की रक्षा भी हो रही है. असल में बिजी ऑवर्स में सड़क पर वाहनों की कतार से बचने के लिए लोग पानी का रास्ता अपना रहे हैं. इससे यहां पर लोगों का कीमती समय भी बच रहा है.
ऐसा हो जाता है ट्रैफिक का हाल
यह कहानी है नाइजीरिया के सबसे व्यस्त शहर लागोस की. ऑफिस ऑवर्स में यहां की सड़कों पर वाहनों की औसत रफ्तार सिर्फ 17 किमी प्रति घंटा रह जाती है. सड़क पर जिस दूरी को पूरा करने में वाहनों को तीन घंटे से ज्यादा का समय लग सकता है, पानी के रास्ते यह दूरी मात्र एक घंटे में ही पूरी हो जाती है. चिडियोके वसुएके नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि मैं रोज घर से दफ्तर और दफ्तर से घर नाव में सवार होकर ही जाता हूं. उन्होंने कहा कि अब मुझे इसकी आदत हो गई है.
पैसा ज्यादा लेकिन समय कम
हालांकि नाव से यात्रा बस के मुकाबले थोड़ी महंगी है, लेकिन अगर समय के पैमाने पर तुलना करें तो कहानी पूरी तरह से बदल जाती है. बताया जाता है कि लागोस में भीड़ का आलम बहुत बुरा है. ऐसे में ट्रैफिक भी काफी बड़ी समस्या खड़ी कर देता है. नाव से आने-जाने में हफ्ते में 30 घंटे तक बचाया जा सकता है. गौरतलब है कि लागोस में कारों की संख्या करीब 50 लाख है. पर्यावरणविदों के मुताबिक अगर यह कार मालिक भी नावों का ही इस्तेमाल करने लगें तो पर्यावरण की सेहत बहुत सुधर जाएगी.
नाव बनाने का चलन भी बढ़ा
इस नए चलन ने यहां पर नाव बनाने वालों के लिए बढ़िया मौका मुहैया कराया है. ओलूव्लोगबोन तेमितुरु कभी एक मछुआरा हुआ करते थे. 1982 में उन्होंने नाव बनाने का काम शुरू किया. वह मालवाहक और सवारी वाली दोनों तरह की नाव बनाते हैं. उन्होंने बताया कि आजकल नाव का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है. इतने ज्यादा लोग नाव का इस्तेमाल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पानी के रास्ते आना-जाना सड़क मार्ग के मुकाबले तेज है. तेमितुरू की बनाई सबसे बड़ी नाव में 40 लोग सफर कर सकते हैं.