ABC NEWS: यूपी में निकाय चुनाव संपन्न हो गए हैं. शनिवार देर रात तक सभी जिलों के नगर निगम, नगर पालिकाओं, नगर पंचायत और सभासद के रिजल्ट आ गए. विधानसभा चुनाव के बाद नगर निकाय के चुनाव में भी बीजेपी का जादू सिर चढ़कर बोला. मेयर की सभी 17 सीटों पर तो बीजेपी ने जीत दर्ज की ही. साथ ही नगर पालिका, नगर पंचायत में झंडे गाड़े. हालांकि कुछ जगहों पर बीजेपी को भी हार का सामना करना पड़ा.
झांसी महानगर का वार्ड नंबर-53 एक ऐसा वार्ड है, जहां बीजेपी के सांसद अनुराग शर्मा, एमएलसी बाबूलाल तिवारी, राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा, पूर्व शिक्षा मंत्री रविंद्र शुक्ला, सदर विधायक रवि शर्मा आदि के आवास हैं, उसके बाद भी इस वार्ड से बीजेपी को हार झेलनी पड़ी. इस वार्ड से बीजेपी से निष्कासित पूर्व पार्षद लखन कुशवाहा ने निर्दलीय जीत हासिल की.
बता दें कि बीजेपी से लगातार दो बार वार्ड-53 के पार्षद लखन कुशवाहा को इस बार टिकट नहीं दिया गया था, जिसके चलते उन्होंने निर्दलीय ही ताल ठोंक दी थी. इस वार्ड में बीजेपी ने विशाल दीक्षित को टिकट दिया था. लखन कुशवाहा को नामांकन वापसी के पहले मनाने की कोशिशें भी हुईं, लेकिन वह नहीं मानें. वहीं वार्ड में कांग्रेस से प्रताप कुमार और आप पार्टी से राजेश कुशवाहा चुनाव मैदान में थे.
बीजेपी के दिग्गजों के यहां रहने और निवास करने के बाद भी निर्दलीय प्रत्याशी लखन कुशवाहा ने चुनाव में काफी मेहनत की और उनके द्वारा पिछले दो कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों के बलबूते वह बीजेपी का टिकट न मिलने के बावजूद चुनाव जीत गए. बता दें कि इस वार्ड में कुल 3,456 वोट पड़े, जिसमें बीजेपी प्रत्याशी को 1,330 वोट मिले और निर्दलीय प्रत्याशी 1,672 वोट पाकर 342 वोट से विजयी रहे.
झांसी शहर के लोगों में इस बात की चर्चा गर्म है कि यह तमाम दिग्गज अपने ही वार्ड में बीजेपी प्रत्याशी को नहीं जिता सके. बीजेपी के बागी लखन की जीत ने टिकट वितरण में की गई मनमानी को भी उजागर किया. बीजेपी ने अनारक्षित सीट बता कर दो बार के पार्षद लखन का टिकट काटते हुए विशाल दीक्षित को मैदान में उतारा था, लेकिन यह निर्णय गलत साबित हुआ. बताया गया है कि टिकट वितरण में विधायक की भूमिका काफी अहम रही. अपने ही वार्ड में प्रत्याशी का चयन करने में चूक गए.