ABC NEWS: लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका लगा है. खीरी संसदीय सीट से दो बार सांसद रहे कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफा देने का कारण लखीमपुर खीरी में सपा की आंतरिक गतिविधियों को बताया. चर्चा है कि रवि वर्मा अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. उधर, कांग्रेस प्रदेश कमेटी ने उनको पार्टी में शामिल कराने की तैयारियां पूरी कर ली हैं.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि खीरी में पार्टी के आंतरिक गतिविधियों के कारण मैं काम कर पाने में असमर्थ हूं, इसलिए सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. वह इसी साल जनवरी महीने में सपा के तीसरी बार राष्ट्रीय महासचिव बने थे. लेकिन, कुछ ही महीनों बाद उनकी सपा से अनबन सामने आ गई थी, तभी से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि रवि वर्मा लोकसभा चुनाव से पहले सपा का साथ छोड़ सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक सपा के स्थानीय और नए नेताओं को पार्टी में ज्यादा तरजीह दिए जाने से रवि वर्मा नाराज थे. इसी के चलते जून महीने में जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दो दिन के दौरे पर कार्यकर्ता सम्मेलन में खीरी आए थे तो उनके मंच से कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा गायब थे.
रवि प्रकाश वर्मा कुर्मी समाज के कद्दावर नेता हैं। जिले की करीब 50 लाख की आबादी वाले खीरी जनपद में ओबीसी आबादी सबसे ज्यादा करीब 35 प्रतिशत है. इनमें कुर्मी बाहुल्य आबादी पहले नंबर पर है। इसी गणित को साधते हुए समाजवादी पार्टी ने रवि प्रकाश वर्मा को तीसरी बार जनवरी महीने में राष्ट्रीय महासचिव बनाया था. आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने की बनती स्थिति को लेकर वह पार्टी से नाराज रहे. बता दें कि पूर्व में उनकी बेटी पूर्वी वर्मा भी सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था.