ABC NEWS: (भूपेंद्र तिवारी ) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) से जुड़े कट्टरपंथियों की जांच के लिए एनआईए ने बुधवार को कानपुर में छापा मारा. डॉ.अबरार को परिवार समेत हिरासत में लेकर मूलगंज थाना लाया गया, जहां पर बंद कमरे में एनआईए की टीम ने कई घंटे पूछताछ के बाद परिजनों को छोड़ दिया गया.
एनआईए की टीम सुबह यहां पहुंची और वह दस्तावेजों के आधार पर डॉ.अबरार को परिवार समेत मूलगंज थाने ले आई. डॉ.अबरार को पीएफआई का सदस्य बताया जा रहा है लेकिन किसी को जानकारी नहीं दी जा रही है. मूलगंज निवासी डा अबरार हुसैन को बुधवार सुबह लखनऊ नंबर की इनोवा कार से आए एनआईए के अफसरों ने घर के पास से उठा लिया.
इससे पहले डाक्टर से 3 जून 2022 में हुई हिंसा में भी पुलिस ने पूछताछ की थी. तब भी डॉक्टर पर फंडिंग के आरोप लगे थे. एनआईए फिलहाल मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. सूत्रों का कहना है कि एक घंटे पूछताछ के बाद सभी को छोड़ दिया गया है.
शहर में सक्रिय है PFI टीम
सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध में हुई हिंसा में पांच पीएफआई के सदस्य जेल भेजे गए थे. इन्हीं में से तीन आरोपी नई सड़क बवाल में दोबारा जेल भेजे गए थे. उसमें से एक गंभीर बीमारी से ग्रसित है. एक की तलाश जारी है. इन सभी के अलावा भी पीएफआई से जुड़े लोग शहर में हैं या नहीं इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां पुलिस जानकारी जुटा रही है. इसे लेकर एनआईए लखनऊ की टीम शहर में सक्रिय है.