ABC NEWS: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का खास महत्व माना गया है और कहते हैं कि इस दौरान मां दुर्गा धरती पर आती हैं. ऐसे में यदि विधि-विधान से उनका पूजन किया जाए तो वह प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. शारदीय नवरात्र हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं जो कि इस साल 15 अक्टूबर 2023 को हैं. इस दौरान मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है. अगर आप भी मां दुर्गा की कृपा पाना चाहते हैं कि नवरात्र शुरू होने से पहले कुछ चीजें घर से बाहर निकाल दें. क्योंकि इन चीजों का आपके जीवन व घर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
फटे-पुराने जूते
कहते हैं कि घर में फटे-पुराने जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए. वास्तु के अनुसार इससे घर में निगेटिविटी आती है. खासतौर पर नवरात्रि के दौरान घर की सफाई करते समय यदि फटे-पुराने जूते-चप्पल मिले तो उन्हें तुंरत बाहर कर दें. क्योंकि नवरात्र में 9 दिनों तक मां दुर्गा धरती पर आती हैं और ऐसे में उनके स्वागत के लिए घर से खराब चीजें और निगेटिविटी वाला सामान बाहर कर देना चाहिए.
लहसुन-प्याज व शराब
सनातन धर्म में लहसुन व प्याज को तामसिक भोलन माना गया है और इसलिए पूजा-पाठ के किसी कार्य में लहसुन-प्याज का उपयोग नहीं किया जाता. खासतौर पर नवरात्रि में इस बात का ध्यान रखें, क्योंकि इस दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा का पूजन किया जाता है और सुबह-शाम उन्हें भोग लगाया जाता है. ऐसे में घर में सात्विक भोजन का ही उपयोग करना चाहिए. अगर आपके घर में लहसुन-प्याज हैं तो उन्हें नवरात्र से पहले बाहर कर दें क्योंकि यह तामसिक भोजन की श्रेणी में आते हैं. साथ ही मांस-मदिरा आदि भी घर में नहीं होने चाहिए.
बंद घड़ी
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कभी बंद घड़ी नहीं रखनी चाहिए. खासतौर पर पूजा-पाठ व मंगल कार्यों में बंद घड़ी का होना अशुभ माना जाता है. इसलिए बिना देर किए गए बंद घड़ी में या तो सेल डलवा लें या फिर इसे हटा दें. क्योंकि इसकी वजह से आपकी तरक्की में रूकावट आ सकती है.
बेकार खाना
नवरात्र के पहले दिन घर व मंदिर की सफाई कर स्वच्छ भोजन बनाया जाता है. यदि आपके घर में रात का बचा हुआ खाना या खराब अचार पड़ा है तो उसे भी तुरंत बाहर कर दें. खराब खाने की दुर्गंध से मां दुर्गा नाराज होती हैं और आपको उनकी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
खंडित मूर्तियां
अगर आपके घर के मंदिर में खंडित या टूटी हुई मूर्तियां रखी हैं तो नवरात्र से पहले ही उन्हें बाहर कर दें. क्योंकि खंडित मूर्तियां दुर्भाग्य का कारण बनती है. इसलिए इन्हें किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर देना चाहिए.
प्रस्तुति: भूपेंद्र तिवारी