जनरेटर आपरेटर से बना बैंक क्लर्क रातों रात हुआ करोड़पति, बाराबंकी में CBI छापे से खुला राज

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ABC NEWS: बाराबंकी के फतेहपुर में बैंक के एक कर्मचारी द्वारा केसीसी में धोखाधड़ी कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने के मामले में गुरुवार दोपहर सीबीआई की टीम ने बैंक में छापा मारा. सीबीआई की जांच पड़ताल देर रात तक जारी थी. बताया जा रहा है कि आरोपी कर्मचारी मुन्‍ना शुक्‍ला जनरेटर आपरेटर से बैंक क्लर्क बन गया था. वह करीब आठ साल पहले बैंक का जनरेटर आपरेटर नियुक्त हुआ था. कुछ ही दिनों में मैनेजर का विश्वासपात्र बन कर मुन्ना शुक्ला आंशिक बैंककर्मी के रूप में काम करने लगा. उसने बैंक अधिकारियों में ऐसी जड़ें जमाईं कि कुछ ही दिनों बाद उसे बैंक में क्लर्क बना दिया गया। मुन्‍ना शुक्‍ला की नियुक्ति के समय ज्ञानलाल तत्कालीन शाखा प्रबंधक थे.

इस दौरान बैंक भीतर से बंद कर ग्राहकों को बाहर कर दिया गया. बताते हैं कि मोहम्मदपुर खाला के ग्राम बतनेरा का निवासी राजेंद्र गुप्ता ने शिकायत कर यूनियन बैंक के क्लर्क सूरतगंज क्षेत्र के ग्राम बल्लोपुर निवासी मुन्ना शुक्ला केसीसी में धोखाधड़ी कर रुपए हड़पने का आरोप लगाया था. इसी का बाद तय योजना के तहत राजेन्द्र आज दोपहर बैंक में धन निकालने पहुंचा. करीब पौने तीन बजे जब राजेन्द्र बैंक के भीतर ही था ,तभी तीन गाड़ियों से सीबीआई टीम बैंक पहुंच गई. देर रात तक बैंक में सीबीआई टीम मामले की जांच पड़ताल में जुटी थी. इसके अलावा संबंधित बैंक कर्मी के अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई.

केसीसी लोन में हुई भारी कमीशनबाजी
मुन्ना शुक्ला बैंक में केसीसी लोन स्वीकृत कराने का पर्याय बन गया था. बैंक में ऐसी धाक जमाई की केसीसी की कोई भी फाइल क्लर्क बने कर्मचारी के बिना आगे बढ़नी मुश्किल हो गई. हालत यह हो गई कि शाखा प्रबंधक कोई भी हो केसीसी लोन के लिए लोग सीधे मुन्ना शुक्ला से संपर्क करने लगे. इस कार्य मे उसका एक संबंधी और अन्य लोग बैंक के बाहर रहकर किसानों से सौदेबाजी करते थे. इस दौरान कई किसानों ने बैंक अधिकारियों से केसीसी में कमीशन बाजी तथा धांधली बरतने का आरोप लगाया. शिकायतें दबकर रह गई.

करोड़ों की संपत्ति हासिल करने की चर्चा
सीबीआई की छापेमारी के दौरान क्लर्क के अचानक करोड़ों के मालिक बनने की चर्चा चलती रही. बताया गया कि बल्लोपुर गांव में उसका इंटर कालेज है. फतेहपुर में मकान बनाने के बाद वह आवास बना कर लखनऊ में रहने लगा. रोज बोलेरो गाड़ी से उसका बैंक आना जाना था. धांधली की शिकायत पर कुछ ही दिन पहले पूर्व तत्कालीन मैनेजर को बाराबंकी मंडी समिति ब्रांच में भेज दिया गया.

केसीसी में कमीशन को लेकर कई किसानों ने पहले भी शिकायतें की थी. देर रात तक सीबीआई की टीम में बैंक के भीतर कागजातों की पड़ताल व आरोपी क्लर्क से पूछताछ में जुटी थी. बैंक मैनेजर मनीष यादव ने बताया वह जिले पर मीटिंग में थे. एसपी दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि सीबीआई की टीम आई थी। प्रकरण की जानकारी नही है.

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